हे भगवान! खाने-पीने के सामान के बाद अब दवाईयां भी महंगी
बच्चों की वैक्सीन, एंटीबायोटिक्स समेत 21 जरूरी दवाओं के दाम 50% बढ़ाने की मंजूरी
गढ़ निनाद समाचार
नई दिल्ली। भारत के दवा मूल्य नियामक ने वर्तमान में मूल्य नियंत्रण के तहत 21 दवाओं की अधिकतम खुदरा कीमतों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की अनुमति दी है। यह पहली बार है जब एनपीपीए ऐसा कर रहा है।
नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने 21 जरूरी दवाओं के दाम बढ़ाने की अनुमति दे दी है। ये दाम 50 प्रतिशत तक बढ़ाए जाएंगे। मार्केट में महत्वपूर्ण दवाओं की सप्लाई को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है।
एनपीपीए द्वारा 9 दिसंबर को एक बैठक में निर्णय लिया गया। यह बीसीजी वैक्सीन जैसे तपेदिक, विटामिन सी, एंटीबायोटिक्स जैसे मेट्रोनिडाजोल और बेंज़िल पेनिसिलिन, मलेरिया-रोधी दवा क्लोरोक्वीन और कुष्ठरोगी दवा डैप्सन पर लागू होगा। भारत के दवा मूल्य नियामक ने वर्तमान में मूल्य नियंत्रण के तहत 21 दवाओं की अधिकतम खुदरा कीमतों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की अनुमति दी है। यह पहली बार है जब एनपीपीए ऐसा कर रहा है।एनपीपीए आवश्यक और जीवन रक्षक दवाओं की कीमतों को कम करने के लिए जाना जाता है।
एनपीपीए इन दवाओं की कमी के कारण महंगा विकल्प चुनने वाले रोगियों को रोकने के लिए सार्वजनिक हित में कीमतें बढ़ा रहा है। महंगी होने वाली अधिकांश दवाओं का उपयोग उपचार की पहली पंक्ति के रूप में किया जाता है और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए अभिन्न अंग हैं।