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अयोध्या फैसले का काउंट डाउन शुरू: देशभर में हाई अलर्ट

अयोध्या फैसले का काउंट डाउन शुरू: देशभर में हाई अलर्ट
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अयोध्या फैसले का काउंट डाउन शुरू : देशभर में हाई अलर्ट

नवंबर 08, 2019

नई दिल्ली*एजेंसियां/ग.नि.ब्यूरो,8 नवम्बर 2019
अयोध्या मामले में फैसला आने के बाद अब फैसला सुनाया जाना बाकी है जिसका काउंट डाउन शुरू हो चुका है । उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने से पहले सुरक्षा तैयारियों के तहत केंद्र ने अर्द्धसैनिक बलों के करीब 4,000 जवानों को उत्तर प्रदेश भेजा है। साथ ही रेलवे पुलिस ने अपने कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और 78 बड़े स्टेशनों तथा ट्रेनों में चौकसी बढ़ा दी है।
गृह मंत्रालय के सुत्रों के अनुसार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक आम परामर्श जारी किया गया है, जिसमें उन्हें सभी संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करने को कहा गया है।

ज्ञातव्य है कि सीजेआई रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।इससे पहले फैसला सुनाया जाना है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी मंत्रिपरिषद के साथ अयोध्या मुद्दे पर चर्चा की थी। उन्होंने अपने मंत्रियों से इस विषय पर अनावश्यक बयान देने से बचने और देश में सौहार्द कायम रखने को कहा था। दरअसल, राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई के 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने से पहले शीर्ष न्यायालय के अपना फैसला सुनाने की संभावना है। बताते चलें कि न्यायमूर्ति गोगोई उस पांच सदस्यीय संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं, जिसने कई हफ्तों तक मामले की सुनवाई की।
इस बीच, सदभावना उपायों के तहत पुलिस ने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के लोगों के बीच बैठकें कराई। साथ ही, दोनों समुदायों के लोगों से शांति कायम रखने की अपील की गई। बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने कहा, ‘ये सभी लोग फैसले का पालन एवं सम्मान करने के लिये सहमत हुए।’ दिल्ली में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने खासतौर पर अयोध्या में कानून व्यवस्था कायम रखने में उप्र सरकार की मदद के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 40 कंपनियां राज्य में भेजी हैं। एक कंपनी में करीब 100 कर्मी होते हैं। बताया जा रहा है कि अयोध्या और लखनऊ में हेलीकॉप्टर से पेट्रोलिंग कर चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है।

अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर अगले सप्ताह बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है और स्थानीय प्रशासन शांति सुनिश्चित करने के लिये कमर कस रहा है। लाखों श्रद्धालुओं के 12 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा स्नान के अवसर पर अयोध्या आने की संभावना है। यह पूछे जाने पर कि क्या न्यायालय के फैसले के मद्देनजर अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या धीरे-धीरे कम की जाएगी, इस पर फैजाबाद के जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘नहीं, श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन के लिए अयोध्या आते रहेंगे। सरयू कुंज सीता राम मंदिर के पुजारी महंत जुगल किशोर शरण शास्त्री ने कहा, ‘जो श्रद्धालु पूर्णिमा स्नान के लिए अयोध्या आएंगे वे कुछ दिन यहां ठहरेंगे, इसलिए 20 नवंबर तक अयोध्या में श्रद्धालुओं की भारी मौजूदगी रहेगी।’
उधर सूचना उपनिदेशक (फैजाबाद) मुरली धर सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन ने एलईडी वैन ऑपरेटरों को अयोध्या में श्रद्धालुओं के लिए लगातार रामायण और महाभारत टेलीविजन धारावाहिक प्रसारित करने के निर्देश दिए हैं। रेलवे पुलिस ने सुरक्षा तैयारियों पर अपने सभी मंडलों के लिए निर्देश वाला सात पृष्ठों का परामर्श जारी किया। सूत्रों ने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के परामर्श में जानकारी दी गई है कि उसके सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है। उन्हें ट्रेनों की सुरक्षा में तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं। तथा आरपीएफ कर्मी आधुनिक उपकरण के साथ सभी ट्रेनों में तैनात रहेंगे।
आरपीएफ के परामर्श में कहा गया है कि रेलवे स्टेशनों के समीप और उसके दायरे में आने वाले धार्मिक ढांचों पर करीब से नजर रखी जाए क्योंकि वहां हिंसा भड़कने की ज्यादा आशंका है। परामर्श में पूर्व के उस आदेश को भी रद्द किया गया है जिसमें स्टेशनों को वहां कोई ट्रेन न होने पर बिजली बचाने के लिए करीब 30 प्रतिशत रोशनी कम रखने की अनुमति दी गई थी। सभी मंडलों को हर वक्त 100 फीसदी रोशनी रखने का निर्देश दिया गया है।


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