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राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पोर्टल का शुभारंभ किया, पढ़िए इसकी सेवाएं

राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पोर्टल का शुभारंभ किया, पढ़िए इसकी सेवाएं
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एआई पोर्टल से देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लोकतंत्रीकरण होगा – राज्यमंत्री धोत्रे

  • आईटी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पोर्टल – www.ai.gov.in का शुभारंभ किया
  • स्कूली छात्रों के बीच एआई को बढ़ावा देने के लिए इंटल इंडिया पहल की शुरूआत की

रमेश रावत, गढ़ निनाद न्यूज़ * 30 मई 2020

केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ के अवसर पर, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, कानून एवं संचार मंत्री, श्री रविशंकर प्रसाद ने भारत के राष्ट्रीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पोर्टल – www.ai.gov.in / https://indiaai.in/ का शुभारंभ किय। पोर्टल इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय और आईटी उद्योग द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय का राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन और आईटी उद्योग का नैसकॉम संयुक्त रूप से मिलकर इस पोर्टल को चलाएगा।

यह पोर्टल भारत में एआई से संबंधित विकास के लिए एक स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म (one-stop-digital-platform) के रूप में काम करेगा। भारत में एआई से संबंधित लेखों, स्टार्ट-अप, एआई में निवेश फंडों, संसाधनों, कंपनियों और शैक्षिक संस्थानों जैसे संसाधनों को साझा करेगा। इसके द्वारा पोर्टल पर दस्तावेजों, केस स्टडी, अनुसंधान रिपोर्ट आदि को भी साझा किया जाएगा। इसके साथ ही एआई से संबंधित शिक्षा और नई नौकरी के बारे में जानकारी मिलेगी।

इस अवसर पर रविशंकर प्रसाद ने युवाओं के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम ‘रिस्पॉन्सिबल एआई फॉर यूथ’ का भी शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य, देश के युवा छात्रों को एक मंच प्रदान करना और उन्हें नए युग के तकनीकी मांइड-सेट, प्रासंगिक एआई कौशल-सेट और आवश्यक एआई टूल-सेट तक पहुंच प्रदान करने के साथ-साथ सशक्त बनाना है। इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय द्वारा इंटेल इंडिया के सहयोग से स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग (डीओएसईएंडएल), मानव संसाधन विकास मंत्रालय के समर्थन से शुरू किया गया है।

‘रिस्पॉन्सिबल एआई फॉर यूथ’, युवाओं को एआई के लिए तैयार होने और उनके कौशल-गैप को कम करने में मदद करके युवाओं को सशक्त बनाएगा, जबकि युवाओं को सार्थक रूप से प्रभावी सामाजिक समाधान बनने के लिए सक्षम बनाएगा। यह कार्यक्रम सरकारी स्कूलों के छात्रों को पूरे देश तक पहुंच बनाने और उन्हें समावेशी रूप से कुशल कार्यबल का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करने के लिए बनाया गया है।

मीडिया को संबोधित करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास में भारत को दुनिया का एक अग्रणी देश बनना चाहिए, जो अपनी विशाल इंटरनेट प्रेमी आबादी और इसके द्वारा बनाए जा रहे डेटा का लाभ उठा सके। भारत का एआई दृष्टिकोण, मानव की प्रासंगिकता को कम करने के बजाय वृद्धि और विकास का पूरक बनते हुए मानव के समावेश और सशक्तिकरण वाला होना चाहिए”।

युवा कार्यक्रम के लिए उत्तरदायी एआई का विवरण

देश भर में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा संचालित स्कूलों (केवीएस, एनवीएस, जेएनवी सहित) के कक्षा 8-12 के छात्रों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम खुला हुआ है- सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के लिए, और इसका उद्देश्य वैचारिक प्रक्रिया में बदलाव लाना और डिजिटल विभाजन के लिए एक पूल का निर्माण करना है।

इस कार्यक्रम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और इसके पहले चरण में, प्रत्येक राज्य शिक्षा विभाग द्वारा 10 शिक्षकों को पात्रता मानदंडों के अनुसार नामित किया जाएगा। पात्रता मानदंडों को पूरा करके शिक्षक भी स्वयं को मनोनीत कर सकते हैं। इन शिक्षकों को ओरीएन्टेशन सत्र प्रदान किया जाएगा, जिसका उद्देश्य उन्हें आधार को समझने और कार्यक्रम के लिए 25-50 संभावित छात्रों की पहचान करने में सहायता प्रदान करना है। चिन्हित किए गए छात्र एआई पर ऑनलाइन ट्रेनिंग सत्रों में हिस्सा लेंगे और यह समझेंगे कि कैसे सामाजिक प्रभाव विचारों/परियोजनाओं की पहचान की जाए जो एआई का उपयोग करके बनाई जा सकती हैं और प्रस्तावित एआई सक्षम समाधान को समझाते हुए 60 सेकंड के वीडियो के माध्यम से अपने विचारों को प्रस्तुत कर सकती हैं।

वीडियो के रूप में प्रस्तुत किए गए विचारों के बाद, शीर्ष 100 विचारों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और इन छात्रों को आवासीय बूट-कैंपों या ऑनलाइन सत्रों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा

इंटेल प्रमाणित एआई कोचों और संरक्षकों द्वारा पर्याप्त हैंडहोल्डिंग प्रदान की जाएगी, जिससे कि आदर्श रूप में परिपक्व विचारों को सुनिश्चित किया जा सके। विशेषज्ञों द्वारा शीर्ष 50 परियोजना विचारों को सूचीबद्ध किया जाएगा और छात्रों को अपनी परियोजनाओं को आमने-सामने या ऑनलाइन प्रारूप में दिखाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसके बाद, विशेषज्ञों की एक स्वतंत्र समिति द्वारा शीर्ष 20 अभिनव परियोजनाओं का चयन किया जाएगा और प्रासंगिक मंच पर उनका प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।


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