विश्व जैव विविधता दिवस पर विशेष
रमेश रावत, गढ़ निनाद * 22 मई 2020
नई टिहरी। आज “विश्व जैव विविधता दिवस” है। इसे ‘विश्व जैव-विविधता संरक्षण दिवस’ भी कहते हैं। यह दिवस हर साल 22 मई को मनाया जाता है। विश्व जैव विविधता दिवस क्यों मनाते हैं। दरअसल इसमें विशेष तौर पर वनों की सुरक्षा, संस्कृति, जीवन के कला शिल्प, संगीत, वस्त्र-भोजन, औषधीय पौधों आदि के महत्व को प्रदर्शित करके उसके न होने पर होने वाले खतरों के बारे में समाज को जागरूक करना है।
As we seek to build back better in a world of greater risk and uncertainty, we simply cannot do it without #nature.
So on #BiodiversityDay let’s remember that nature provides the solutions to a sustainable future for all. #ForNature @UNBiodiversity @UNEP pic.twitter.com/FWyxJicw7N
— Inger Andersen (@andersen_inger) May 22, 2020
आपको बता दें कि 29 दिसंबर 1992 को नैरोबी में हुए जैव-विविधता सम्मेलन में इस दिवस को 29 मई को मनाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन कई देशों द्वारा व्यावहारिक कठिनाइयां जाहिर करने के कारण इस दिन को 29 मई की बजाय 22 मई को मनाने का निर्णय लिया गया।
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जैव विविधता की अद्भुत मिसाल, आज मेरे घर के प्रांगण में टिटहरी पक्षी के अंडे से एक बच्चे ने जन्म लिया । यही प्रकृति का चक्र है। यही जैव विविधता का मूल है। जैव विविधता को हमें संभालना चाहिए।#BiodiversityDay #InternationalDayForBiologicalDiversity pic.twitter.com/wGXQKaGV2O
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) May 22, 2020
हमें पेड़-पौधे, जीव-जंतु, मिट्टी, हवा, पानी, जंगल,महासागर-पठार, समुद्र-नदियां इन सभी प्रकृति द्वारा प्रदत्त का संरक्षण करना चाहिए। ताकि प्राकृतिक एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखा जा सके। हमें जैव-विविधता का महत्व समझना होगा।
आइए, विश्व जैव विविधता दिवस के मौके पर इसके संरक्षण के लिए स्वंय एवं समाज को भी जागरूक करने का काम करें। आप सबको शुभकामनाएं।
हमें पेड़-पौधे, जीव-जंतु, मिट्टी, हवा, पानी, जंगल, महासागर-पठार, समुद्र-नदियां इन सभी प्रकृति द्वारा प्रदत्त का संरक्षण करना चाहिए। ताकि प्राकृतिक एवं पर्यावरण संतुलन बनाए रखा जा सके। हमें जैव-विविधता का महत्व समझना होगा।
आइए, विश्व जैव विविधता दिवस के मौके पर इसके संरक्षण के लिए स्वंय एवं समाज को भी जागरूक करने का काम करें। आप सबको शुभकामनाएं।