डीएम ने हरेला की बैठक में गैरहाजिर अधिकारियों को दी प्रथम और अंतिम चेतावनी
गढ़ निनाद न्यूज़*10 जून 2020
नई टिहरी: आज बुधवार को जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में हरेला पर्व की तैयारियों को लेकर एक बैठक संपन्न हुई। गौरतलब है कि आगामी माह 16 जुलाई को प्रदेश सहित जनपद में भी वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कर हरेला पर्व मनाया जाएगा।
इस वर्ष हरेला पर्व *नदियों का संरक्षण एवं पुनर्जीवन* थीम पर आधारित है। जिसका उद्देश्य सूख चुके या सूखने की कगार पर आ चुके जल श्रोतो, नदियों में जल की मात्रा को बढ़ाकर उनको पुनर्जीवित करना है।
अनुपस्थित अधिकारियों को फटकार
बैठक में विभागाध्यक्षों की अनुपस्थिति पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि यह उन अधिकारियों/विभागाध्यक्षों के लिए प्रथम और अंतिम चेतावनी है, जिनको बैठक की सूचना मिलने के बावजूद भी बैठक में उपस्थित नहीं हुए हैं। स्पष्ट किया कि यदि आगे से इस प्रकार की लापरवाही बरती जाती है, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
हरेला पर्व आयोजन में शिथिलता बर्दाश्त नहीं
जिलाधिकारी ने बैठक में हरेला पर्व आयोजन समिति के सदस्यों/अधिकारियों को रूपरेखा तैयार करने के साथ ही दायित्व के निर्वाहन में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरते जाने के निर्देश दिए हैं।
लक्ष्य करें पूरा,धरातल पर दिखे योजना
जिलाधिकारी ने कहा कि इस वर्ष जनपद को पौधरोपण का जो भी लक्ष्य दिया जाएगा, उसे हर कीमत पर पूरा किया जाएगा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि हरेला पर्व में पौधरोपण केवल फॉर्मेलिटी तक सीमित न रहे, इसलिए कार्य योजना को सही ढंग से तैयार कर उसको धरातल पर उतारना आवश्यक है।
मनरेगा के साथ-साथ जल संरक्षण कार्य भी हो
जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि जनपद की प्रत्येक ग्राम पंचायत में मनरेगा के में अन्य कार्यो के साथ-साथ कम से कम 10 कार्य जल संरक्षण संबंधी हों। इस हेतु जनपद के ग्राम पंचायतों के साथ उदारता बरतते हुए जागरूकता लाने के निर्देश दिए है।
जल श्रोतों का करें चिन्हीकरण
जिलाधिकारी ने जनपद में ऐसे जल स्रोतों के चिह्निकरण के भी निर्देश दिए हैं जिनमें पानी की निकासी का स्तर 50% से कम हो चुका है। ताकि ऐसे जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए वृहद स्तर पर सटीक प्लानिंग की जा सके। जिलाधिकारी ने जल संरक्षण संबंधी कार्यो में मनरेगा की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया, कहा की सभी संबंधित विभाग जल संरक्षण सम्बन्धी कार्यो को मनरेगा से कन्वर्जेन्स कर सम्पन्न करा सकते है। इस हेतु आपसी समन्वय को मजबूती प्रदान करने के निर्देश दिए है।
जल
जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए जनपद के हर व्यक्ति का सहयोग जरूरी
जिलाधिकारी ने कहा कि जल संरक्षण कार्य में जन सहयोग जरूरी है, ताकि वृहद स्तर पर वृक्षों का रोपण कर नदी-नालों को पुनर्जीवित किया जा सके। इस हेतु उन्होंने वन विभाग को पौध की व्यवस्था करने, विभागों को पौधरोपण का लक्ष्य दिए जाने के भी निर्देश दिए हैं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक रुहेला, डीएफओ टिहरी वन प्रभाग कोको रोसे, डीएफओ टिहरी डैम वन प्रभाग, परियोजना निदेशक डीआरडीए भरत चंद्र भट्ट, डीडीओ आनंद भाकुनी, अधिशासी अभियंता जल संस्थान सतीश नौटियाल, अधिशासी अभियंता सिंचाई खंड नई टिहरी, परियोजना प्रबंधक आजीविका डॉक्टर हीरा बल्लभ पंत, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका टिहरी राजेन्द्र सजवाण के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी/कर्मचारी भी उपस्थित थे।