Ad Image

कविता “पर्यावरण बचाओ”

कविता “पर्यावरण बचाओ”
Please click to share News

5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष
डॉ. सुरेंद्र सेमल्टी, पुजार गांव, चन्द्रबदनी
गढ़ निनाद न्यूज़ * 5 जून 2020
नई टिहरी: 

धरती हवा जल सभी, उगल रहे हैं जहर,

जीवन बचाने को दुःखी, आज है गांव शहर।

वृक्षों को काटकर कर दिया, मानव ने धरती नंगी,

हरियाली दिखती नहीं, रही न अब वह चंगी।

हवा में दम घुटने लगा, रही न पुरानी बात,

प्रकृति आज नहीं दे रही, हम लोगों का साथ।

उसका कुछ नहीं दोष है, मानव का है दोष,

समय बहुत है गुजर चुका, लौटाओ अपनी सोच।

जंगल जल और जीव से, करो नहीं खिलवाड़,

मानव के कुकृत्य से, आती सुनामी बाढ़।

तन मन के बढ़ते जा रहे, आज अनेक हैं रोग,

बिगड़ रहे स्व कर्म से, मानव के हैं जोग।

पॉलिथीन का करे त्याग, करें न जल अपवित्र,

वृक्षों की रक्षा करें, समझें उनको मित्र। 

पौधों का रोपण करें, पालें समझ संतान,

मिलते इन से लाभ हैं, जग में बढ़ता मान।

जीव-जंतु और कीट सभी, होते प्रकृति के प्रहरी,

इनके प्रति दया रखें,ग्रामीण हो चाहे शहरी।

प्रदूषण यदि मिट गया, बनेगा सफल जीवन,

आओ मिलकर के सभी, फैलायें धरती में वन। 

कूड़ा-कचरा भूल से, कभी ई फेंके जल,

रासायनिक उपयोग से, दुःखमय हो न कल।

शोर-शराबे पर सदा, लगे सर्वत्र प्रतिबंध,

इन बातों के उपयोग से, फैलेगी सूख कि सुगन्ध।

विश्व तड़फ़ता देख कर, मन में उठती हूक,

प्रदूषण को नष्ट करो, मानव क्यों बैठे मूक। 


Please click to share News

Govind Pundir

Related News Stories