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कथा: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला (भाग-4 )

कथा: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला (भाग-4 )
विक्रम बिष्ट
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स्वीकृति और भुगतान

विक्रम बिष्ट

विद्यार्थी के आय प्रमाण पत्र में अंकित आय  निर्धारित आय से अधिक हो या जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया हो अथवा विगत परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुआ हो तो जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा आवेदन पत्र को स्थायी तौर पर निरस्त किया जा सकेगा। संस्थान द्वारा निर्धारित शुल्क की जानकारी भी देनी होती है। उल्लेखनीय है कि मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों द्वारा विद्यार्थियों से शुल्क लिया जाता है।

जिला समाज कल्याण अधिकारी आवेदन पत्रों को स्वीकृत करने के बाद ई-बिल पात्र विद्यार्थियों के सीबीएस खातों के विवरण के साथ कोषाधिकारी को ऑनलाइन भेजना होता है। कोषाधिकारी को छात्रवृत्ति का भुगतान सीधे विद्यार्थी के खाते में करना होता है। इस योजना में छात्रवृत्ति एवं शुल्क क्षतिपूर्ति की धनराशि सीधे विद्यार्थियों के व्यक्तिगत खातों में भुगतान करने के दिशा-निर्देश केंद्र सरकार ने जारी किए हैं। यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी भी दशा में यह भुगतान शिक्षण संस्थान को नहीं किया जाएगा।

कल अवश्य पढ़िए– कथा: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला (भाग-5)


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Govind Pundir

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