कथा: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला (भाग-12)
सूचना का अधिकार- सूचना नहीं सिर्फ तारीखें
विक्रम बिष्ट
10 अगस्त 2020 को मुख्य सचिव कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी ने अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण विभाग को जीत मणि भट्ट को वांछित सूचना उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा।
18 अगस्त को लोक सूचना अधिकारी समाज कल्याण अनुभाग-2 ने विभाग के अनुभाग-3 को यह बताते हुए पत्र लिखा की वांछित सूचना इधर धारित नहीं है। इसलिए उधर से उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
26 अगस्त को उधर अनुभाग-3 से जीतमणि भट्ट को सूचना दी गई कि आपके अनुरोध पत्र में अंकित बिंदुओं की सूचना इस कार्यालय स्तर पर धारित नहीं है। संतुष्ट न हो तो विभागीय अपीलीय अधिकारी के समक्ष असंतुष्ट होने के कारणों के उल्लेख के साथ अपील कर सकते हैं। इस पत्र में अपीलीय अधिकारी का पद नाम पता बता दिया गया।
जीतमणि भट्ट की पत्नी श्रीमती विमला भट्ट ने स्वामी पूर्णानंद डिग्री कॉलेज से 2014- 15 में संस्थान में अध्ययनरत एससी एसटी ओबीसी छात्र छात्राओं की दशमोत्तर छात्रवृत्ति से संबंधित सूचनाएं मांगी। कालेज के कार्यवाहक प्राचार्य ने 48 घंटों के अंदर ही 10 दिसंबर 2019 को सूचना उपलब्ध करा दी कि संबंधित दस्तावेज एसआईटी की जांच के दौरान थाना मुनिकीरेती जा चुके हैं। इसलिए वहीं जाकर संपर्क करें। श्रीमती भटनी पुनः जानकारी मांगी। 23 दिसंबर को कालेज कार्यवाहक प्राचार्य ने जवाब दोहराया। इस बार इतनी उदारता बरती कि अपीलीय अधिकारी का पद नाम पता बता दिया। श्री संजीत कुमार वरिष्ठ उपनिरीक्षक/ विवेचक थाना मुनिकीरेती टेहरी गढ़वाल।
धन्य हो सूचना अधिकार 2005 की कल्पना, विचार और रचना करने वाले। कालेज प्रबंधन तो धन्य हैं ही।
जारी…
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