अशोक कुमार ने संभाला डीजीपी उत्तराखंड का कार्यभार
गढ़ निनाद समाचार* 30 नवम्बर 2020
देहरादून। डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी के सेवानिवृत्त होने के बाद आज से अशोक कुमार ने विधिवत रूप से नए डीजीपी का कार्यभार संभाल लिया है। आईपीएस अशोक कुमार 1989 बैच के अधिकारी हैं । अशोक कुमार को देश के चोटी के 25 कर्मठ आईपीएस अधिकारियों में शुमार माना जाता है।
कार्यभार संभालने के बाद अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस की समस्याओं के समाधान के लिए पुलिस जन शिकायत प्रकोष्ट खोला गया है। जिसमें IG रैंक के अधिकारी की नियुक्ति होगी तथा अब लोग साइबर से संबंधित शिकायत किसी भी थाने में दर्ज करवा सकते हैं पुलिस जीरो एफ आई आर दर्ज करेगी ।
आइए, इनके बारे में संक्षेप में जानते हैं-
अशोक कुमार की शिक्षा-आईआईटी दिल्ली से बीटेक (Mech Engg) तथा M.Tech (Thermal Engg) है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में एएसपी (UT) इलाहाबाद रहते 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा ध्वस्त किए जाने के फलस्वरूप इलाहाबाद में लगे कर्फ्यू के दौरान 10 दिन तक दिन रात बिना सोये कर्तव्य पालन किया l उसके बाद पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर, बागपत, रामपुर,तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मैनपुरी एवं मथुरा के रूप में सेवाएं दी।
उत्तराखंड में एडिशनल एसपी नैनीताल रहते उन्होंने 22 जनवरी 1994 को कुख्यात आंतकवादी हीरा सिंह गैंग के साथ 3 घंटे चली मुठभेड़ में दो आंतकवादियों को मार गिराया। जिन से दो एके-47 राइफल एवं अन्य शस्त्र बरामद हुए उपरोक्त गैंग 100 से अधिक हत्याओं और आंतकी घटनाओं के लिए जिम्मेदार था l उत्तराखंड गठन से पूर्व उत्तराखंड के चार जनपदों उधमसिंह नगर,चमोली, हरिद्वार तथा नैनीताल में नियुक्त रहे।
वहीं एसएसपी हरिद्वार रहते अर्ध कुंभ मेला 2004 में हरिद्वार में कानून व्यवस्था की बड़ी समस्या को कुशलतापूर्वक संभाला, कांवड़ मेला के हुड़दंग को नियंत्रित किया पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपराधिक माफिया (अपहरण,सुपारी किलिंग,रंगदारी भूमाफिया) जो उत्तराखंड बनने के बाद प्रदेश में जड़ें जमाना चाह रहा था उसका खात्मा किया l
डीआईजी पुलिस मुख्यालय के रूप में पुलिस मुख्यालय पुलिस लाइन, पीएसी, पीटीसी तथा थाना,चौकियों के भवनों का नए डिजाइन के साथ निर्माण कराने तथा उत्तराखंड पुलिस के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान हरिद्वार में मेलों के कुशल संचालन हेतु मेला कंट्रोल रूम का निर्माण कराया।
2007 से 2009 में पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परीक्षेत्र तथा पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं परिक्षेत्र के रूप में उत्तराखंड के समस्त जनपदों की समस्याओं को निकट से जाना। अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना एवं सुरक्षा, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन, निदेशक अभियोजन तथा कमांडेंट जनरल होमगार्ड के रूप में महत्वपूर्ण सेवाएं दी l
वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के दौरान सेवाएं दीं। दिनांक 1 जनवरी 2019 को महानिदेशक के पद पर पदोन्नति और महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था नियुक्त रहते हुए क्राइम वर्कआउट पीड़ित केंद्रित पुलिसिंग मानवीय पुलिसिंग पर विशेष ध्यान दिया जिसका कोरोना काल में साफ प्रभाव दिखा l