बुधिया की सी प्लेन भूख हड़ताल
गढ़ निनाद समाचार* 4 नवम्बर 2020
नई टिहरी। गुजरात में सी प्लेन सेवा शुरू होने के बाद बुधिया ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। प्लान तो डोबरा में था लेकिन फिलहाल घर में ही। उसकी मांग उचित है। उतनी ही जितनी सत्ता से हटने पर विपक्ष की होती है। मांग है कि टिहरी झील में सी प्लेन सेवा तुरंत शुरू होनी चाहिए। आज हो अभी हो सी प्लेन सेवा शुरू करो।
बुधिया ने समय रहते यह सही कदम बिठाया है। उसको डर है कि सी प्लेन सेवा का श्रेय भाजपा वाले ले उड़ेंगे। जबकि श्रेय का असली हकदार बुधिया का बुधू है।
आज से 32 साल 36 दिन 63 घंटे पहले दिल्ली की एक खास सड़क पर शीशम के पेड़ के नीचे बुधिया के पति श्री को उनके दूरदृष्टा गुरु महाराज ने शिष्य को टिहरी में से प्लेन की योजना दी थी। उनका कहना था कि टिहरी बांध बनेगा, झील भी बनेगी। नावें भी चलेगी। 21वीं सदी में भी नाव की सवारी करना पिछड़ापन होगा।
योजना पर काम शुरू हुआ ही था कि बोफोर्स का गोला फूट गया। योजना सहित सरकार धड़ाम हो गई। गुरु जी को और भी बहुत काम करने थे। उत्तराखंड भी बनाना था।
उत्तराखंड बना तो सी प्लेन पर अति गोपनीय काम शुरू हो गया। मैकेनिक इतने तेज निकले कि उन्होंने प्रकाश से ज्यादा तेज गति का प्लान बना दिया। बुधू को वह प्लेन उपहार स्वरूप मिल गया। दहेज कानून का डर नहीं था चूंकि यह सी प्लेन रोशनी से तेज उड़ने के कारण किसी को दिखाई सुनाई नहीं देता। लैंड भी जमीन के 5 किलोमीटर नीचे होता है।
इस सी प्लेन से बुद्धू झील में कई बार गोते लगा चुका है। डोबरा में चांठी क्रांति के दिन भी। क्रांतिवीर तक नहीं देख पाए। बुधिया की मांग है कि सरकार सी प्लेन में सवारी का सबसे पहला अवसर बुधू-बुधिया को दे। ताकि दुनिया इसको देख सके। बुधू- बुधिया जिंदाबाद के नारे लगे।