तीसरा विकल्प या सत्ता में हिस्सेदारी (सात )

तीसरा विकल्प या सत्ता में हिस्सेदारी (सात )
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(विक्रम बिष्ट)           

नई टिहरी। 25 जनवरी।

रीति नीति में बुनियादी भेद ही सार्थक विकल्प हो सकता है। इस तरह भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे की विकल्प नहीं है। इन 20 सालों में दोनों पार्टियों की नीतियों और कामकाज में कोई फर्क नहीं दिखता है। शिवाय सत्ता शयन के आकांक्षा आकांक्षीयों, भोगियों की भीड़ की अदला-बदली के।

विकल्प तो वही हो सकता है जो राज्य की नीति रीति में जरूरी बदलाव की स्पष्ट रूपरेखा और उसे धरातल पर उतारने का विश्वसनीय संकल्प लेकर सामने आए। दिल्ली में काम आई आम आदमी पार्टी की झाड़ू उत्तराखंड की व्यवस्था की सफाई कर सकेगी यह कल्पना से भी परे है। जरा इस पार्टी के नेताओं के अखबारी बयानों पर गौर करें। दूसरी पार्टियों के बड़े नेता संपर्क में हैं, लेकिन लिया सिर्फ स्वच्छ छवि वाले नेताओं को जाएगा दागियों को नहीं!

अच्छी बात है लेकिन यह तो स्पष्ट करें कि फलां पार्टी में फलां-फलां नेता दागी हैं। आप में उनको किसी भी हालत में शामिल नहीं किया जाएगा। विकल्प की बात करने वालों में इतना तो साहस होना ही चाहिए।….समाप्त।


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Govind Pundir

*** संक्षिप्त परिचय / बायोडाटा *** नाम: गोविन्द सिंह पुण्डीर संपादक: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल टिहरी। उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार। पत्रकारिता अनुभव: सन 1978 से सतत सक्रिय पत्रकारिता। विशेषता: जनसमस्याओं, सामाजिक सरोकारों, संस्कृति एवं विकास संबंधी मुद्दों पर गहन लेखन और रिपोर्टिंग। योगदान: चार दशकों से अधिक समय से प्रिंट व सोशल मीडिया में निरंतर लेखन एवं संपादन वर्तमान कार्य: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से डिजिटल पत्रकारिता को नई दिशा प्रदान करना।

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