अनफिट और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर लगेगा ग्रीन टैक्स
गढ़ निनाद समाचार* 27 जनवरी 2021
नई दिल्ली ब्यूरो।
सरकार पुराने वाहनों पर जल्द ही ग्रीन टैक्स लगाने जा रही है ताकि अनफिट और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को बाहर निकालकर पर्यावरण को साफ किया जा सके। ग्रीन टैक्स से माध्यम से एकत्र राजस्व का उपयोग प्रदूषण से निपटने के लिए किया जाएगा।
जानकार सूत्रों के अनुसार केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले पुराने वाहनों पर “ग्रीन टैक्स” लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव अब औपचारिक रूप से अधिसूचित होने से पहले राज्यों के परामर्श के लिए जाएगा।
एक अनुमान के अनुसार वाणिज्यिक वाहन, जो कुल वाहन बेड़े का लगभग 5% हैं, कुल वाहन प्रदूषण का लगभग 65-70% योगदान करते हैं। पुराने बेड़े, आमतौर पर वर्ष 2000 से पहले निर्मित कम बेड़े का 1% है, लेकिन कुल वाहनों के प्रदूषण का लगभग 15% योगदान देता है। ये पुराने वाहन आधुनिक वाहनों की तुलना में 10-25 गुना अधिक प्रदूषण करते हैं।
ग्रीन टैक्स लगाते समय इन बातों का रखा जाता है विशेष ध्यान-
- 8 वर्ष से अधिक पुराने परिवहन वाहनों को रोड टैक्स के 10 से 25% की दर से फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण के समय ग्रीन टैक्स लगाया जा सकता है।
- निजी वाहनों को 15 साल बाद पंजीकरण प्रमाणन के नवीकरण के समय ग्रीन टैक्स लगाया जाएगा।
- सार्वजनिक परिवहन वाहनों, जैसे सिटी बसों को कम ग्रीन टैक्स वसूला जाए।
- अत्यधिक प्रदूषित शहरों में पंजीकृत वाहनों के लिए उच्च ग्रीन टैक्स (रोड टैक्स का 50%) अंतर कर, ईंधन (पेट्रोल / डीजल) और वाहन के प्रकार पर निर्भर करता है।
- मजबूत संकर, इलेक्ट्रिक वाहन और वैकल्पिक ईंधन जैसे सीएनजी, इथेनॉल, एलपीजी आदि जैसे वाहनों को छूट दी जानी है।
- खेती में उपयोग होने वाले वाहन, जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, टिलर आदि को छूट दी जानी चाहिए।
ग्रीन टैक्स से प्राप्त राजस्व को एक अलग खाते में रखा जाता है और प्रदूषण से निपटने के लिए उपयोग किया जाता है, और राज्यों के लिए उत्सर्जन निगरानी के लिए राज्य-कला सुविधाएं स्थापित की जाती हैं।
*क्या हैं “ग्रीन टैक्स” के लाभ*
*पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले वाहनों का उपयोग करने से लोगों को दूर करने के लिए लोगों को नए, कम प्रदूषण वाले वाहनों पर स्विच करने के लिए प्रेरित करना।
* ग्रीन टैक्स प्रदूषण के स्तर को कम करेगा, और प्रदूषण के लिए प्रदूषण का भुगतान करेगा।
सरकारी विभाग और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के स्वामित्व वाले वाहनों की deregistration और स्क्रैपिंग की नीति को मंजूरी भी मंजूरी दी गयी है।