उत्तराखंड आंदोलन—*बोट क्लब दिल्ली से श्रीयंत्र टापू तक विशन पाल परमार *
विक्रम बिष्ट
गढ़ निनाद समाचार। सितंबर 1976 में श्रीनगर में उत्तराखंड युवा मोर्चा का गठन किया गया। दिवाकर भट्ट, मदन मोहन नौटियाल, विशन पाल परमार, मथुरा प्रसाद बमराडा, स्वामी दर्शन भारती, आदि मोर्चा के संस्थापक सदस्य थे।
नवंबर, दिसंबर 1998 में मोर्चा के सदस्यों ने उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए बद्रीनाथ से दिल्ली पदयात्रा की। पदयात्रा के समापन के साथ विशनपाल परमार ने भूख हड़ताल शुरू की। डेढ़ सप्ताह की उनकी भूख हड़ताल के दौरान राष्ट्रपति भवन जा रहे आंदोलनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर तिहाड जेल भेज दिया। गिरफ्तार आंदोलनकारियों में ज्यादातर महिलाएं थीं।
पृथक राज्य के मुद्दे पर कई बड़े-बड़े नामधारी अपने अवसरानुकूल पलटी खाते रहे हैं। लेकिन परमार ने इसे अपने जीवन का एकमात्र लक्ष्य बना दिया था। दो अगस्त 1994 को इंद्रमणि बडोनी के नेतृत्व में पौड़ी में शुरू हुई भूख हड़ताल में विशनपाल परमार भी शामिल थे।
11 अक्टूबर 1995 को परमार ने एक अन्य बुजुर्ग आंदोलनकारी दौलत राम पोखरियाल के साथ अलकनंदा के मध्य स्थित श्रीयंत्र टापू पर भूख हड़ताल शुरू कर दी। 8 नवंबर सुबह पुलिस ने टापू पर दमन की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की। पुलिस ने दो युवकों यशोधर बेंजवाल और राजेश रावत को मारकर अलकनंदा में फेंक दिया था। जारी—।