घनसाली क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल, ढाक के तीन पात
घनसाली से लोकेंद्र जोशी की विशेष रिपोर्ट। घनसाली क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को पटरी पर लाने के लिए क्षेत्रीय विधायक को पहल करनी चाहिए और विधायक निधि का सदुपयोग स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए करना चाहिए। कोरोना काल मे लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में बेमौत मारे जा रहे हैं। बेलेश्वर, सेमली (घनसाली) घुत्तू (पंजा) खवाडा , दल्ला सहित विधान सभा के सभी अस्पतालों की दुर्दशा के लिए कौन जिम्मेदार है?
घनसाली और चमियाला नगर पंचायत की आबादी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। पैतृक राज्य उत्तर प्रदेश के जमाने में इन अस्पतालों में चिकित्सक रहते थे। बेलेश्वर को छोड़ कर विधान सभा के अंदर सभी अस्पतालों की स्थापना उत्तर प्रदेश के समय में ही हुई है और बेलेश्वर अस्पताल की स्थापना जनता के खून पसीने की कमाई से हुई।
सेमली (घनसाली) वर्षों पुराना व्यवस्थित आवासीय भवनों के साथ निर्मित अस्पताल के अपग्रेड कराने की वर्षों पुरानी मांग पूरी होने के बजाय आज भी चिकित्सक विहीन है। अनुभवी विशेषज्ञ चिकित्सक के साथ, उक्त अस्पताल में महिला (डॉ.) चिकित्सक और फार्मासिस्ट, नर्स आदि समुचित स्टाफ की नितांत आवश्यकता है।क्षेत्र के लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आखिर कब तक डॉ. श्याम विजय और पिलखी अस्पताल पर निर्भर रहेंगे ?
विकास कार्यों के नाम पर बन्दर बांटो से जनता ऊब चुकी है। यह वक्त बर्बाद करने का नहीं है। पुरखों का किया हुआ पुरुषार्थ यदि मिला है तो उसको बटोरने और संजोये रखने का असली समय यही है। बच्चे बूढ़े और नौ जवानों का भयभीत होना स्वाभाविक है। पूरा जन मानस महामारी के बजाय संसाधनों के अभाव में दिन रात मौत की आशंकाओं के बीच जीवन काट रहा है।
राज्य निर्माण की कल्पना कमजोर दृढ़ इच्छाशक्ति वाले नेताओं की फौज तैयार करने के लिए नहीं थी, बल्कि राज्य के समग्र विकास और सुविधा सम्पन्न नागरिक जीवन के लिए थी। इसी उद्देश्य और जन कल्याण के लिए कुर्बानियां और कठिन संघर्षों के साथ भारी उत्पीड़न जनता ने सहा। समय रहते जनप्रतिनिधियों को जनसेवा के बिना लाग लपेट के आगे आना होगा तभी सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन को मिल सकता है।