त्याग और समर्पण की साक्षात दर्शन हैं श्रीराम – नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज
हरिद्वार, 24 मई 2021। गढ़ निनाद ब्यूरो। नृसिंह वाटिका आश्रम रायवाला हरिद्वार उत्तराखंड में नृसिंह चतुर्दशी के अवसर पर दो-दिवसीय नृसिंह मंत्र जाप एवं अखण्ड रामायण पाठ कार्यक्रम के प्रथम दिन नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने बताया कि केवल राम-राम जपने से ही कोई राम का प्रिय नहीं बन जाता। श्रीराम जैसा जीवन जीकर ही श्रीराम का प्रिय बना जा सकता है। अयोध्या की सत्ता अगर वो स्वीकार कर लेते तो राजा राम बन जाते पर सत्ता को ठोकर मारकर वो हर दिल के राजा बन गए।
पूरी दुनिया में राम जैसा व्यक्तित्व आज तक नहीं हुआ। अच्छे शासक का यही तो गुण होता है दुखी – पीड़ितों के द्वार पर स्वयं पहुँच जाये। अच्छा पुत्र वही तो होता है जो पिता के सम्मान की रक्षा के लिए वन-वन जाने को तैयार हो जाता है। अच्छे भाई का यही तो गुण होता है जो अपने भाई को सुख देंने के लिए स्वयं सुखों को छोड़ दे।
एक आदर्श पुत्र, आदर्श पिता, आदर्श भाई, आदर्श पति, आदर्श शिष्य, आदर्श मित्र, आदर्श राजा सब गुण श्रीराम के भीतर थे। उनका एक भी गुण आपके भीतर आ जाये तो समझना आपने रामायण पूरी पढ़ ली। धर्म क्या है ? भगवान् राम के सम्पूर्ण जीवन को देख लो, समझ आ जायेगा। अखण्ड रामायण पाठ में देश-विदेश से लाखों अनुयायियों ने वर्चुअल जुड़कर रामनाम सिमरन एवं नृसिंह बीजमन्त्रों का जाप कर महामारी विनाश के लिए भगवान लक्षमीनृसिंह के दरबार में प्रार्थना की।