विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र/छात्रा को दिया जायेगा “श्रीदेव सुमन गोल्ड मेडल” : डा0 ध्यानी
देहरादून/नई टिहरी,25 मई 2021। गढ़ निनाद ब्यूरो। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 पीताम्बर प्रसाद ध्यानी के नेतृत्व में विश्वविद्यालय मुख्यालय में राज्य सरकार एवं भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पालन करते हुए और सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए आज श्रीदेव सुमन जी की 106वीं जयंती मनाई गयी। जिसमें विश्वविद्यालय के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम कुलपति द्वारा विश्वविद्यालय में पहुंचकर श्रीदेव सुमन जी की मूर्ति पर पुष्प अर्पित किये गये और दीपक प्रज्वलित कर उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। तदोपरान्त विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों द्वारा भी श्रीदेव सुमन जी की मूर्ति पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये।
माल्यार्पण और श्रद्वा सुमन अर्पण के पश्चात् कोविड 19 गाइडलाइन का पालन करते हुए ’’प्रथम श्रीदेव सुमन स्मृति व्याख्यान’’ का आनलाईन आयोजन किया गया। ऑनलाइन बैठक का शुभारंभ करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 पी0 पी0 ध्यानी द्वारा बताया गया कि श्रीदेव सुमन जयंती को वृहद स्तर पर मनाने का कार्यक्रम प्रस्तावित था, किन्तु वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजित किया गया।उन्होंने कहा कि श्रीदेव सुमन जयंती प्रतिवर्ष विश्वविद्यालय में मनायी जायेगी।
कुलपति डा0 ध्यानी ने विश्वविद्यालय द्वारा श्रीदेव सुमन जी के नाम पर किये जा रहे कार्यो, यथा, श्रीदेव सुमन स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया जाना, उनके व्यक्तित्व व कृतित्व को स्नातक स्तर पर पाठ्यक्रम में शामिल करना, और उनकी जन्मस्थली ’’जौल गांव’’ को स्मार्ट गांव बनाना, आदि के बारे में प्रतिभागियों को विस्तृत रूप से अवगत कराया। उन्होने यह भी घोषणा की कि विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र/छात्राओं को ’’श्रीदेव सुमन गोल्ड मेडल’’ से सम्मानित किया जायेगा।
डा0 ध्यानी ने कहा कि श्रीदेव सुमन जी का व्यक्तित्व व कृतित्व युगों युगों तक पीढ़ियों को प्रेरित और गौरवान्वित करता रहेगा। साथ ही साथ, उन्होंने श्रीदेव सुमन की जन्मस्थली जौल गांव के समग्र विकास हेतु राज्य सरकार से अपेक्षा भी की। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड वीरों की भूमि है तथा समय समय पर महान क्रांतिकारियों ने इस धरती पर जन्म लेकर पर्वतीय क्षेत्र की गरिमा को बढ़ाया है।
“प्रथम श्रीदेव सुमन स्मृति व्याख्यान” के मुख्य वक्ता डा0 मुनि राम सकलानी द्वारा श्रीदेव सुमन जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी सामाजिक व राजनैतिक जीवन के इतिहास से प्रतिभागियों को विस्तृत रूप से अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि साधारण परिवार में जन्म लेते हुए श्रीदेव सुमन द्वारा अनेक अभावों के बावजूद शिखर की प्राप्ति की गयी तथा जनता को उनके अधिकार दिलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि श्रीदेव सुमन जी द्वारा देश प्रेम एवं धर्म रक्षक की एक मिसाल भी पेश की गयी। डा0 सकलानी ने बताया कि श्रीदेव सुमन जी के स्वाभिमान व परोपकार से ही टिहरी क्षेत्र को आजादी मिली। उन्होंने कहा कि श्रीदेव सुमन एक क्रान्तिकारी ही नहीं अपितु एक परोपकारी इंसान भी थे। सभी वर्गों के व्यक्तियों को साथ लेकर चलने की उनमें महान कला और अद्भुत क्षमता थी।
डा0 सकलानी ने अपने व्याख्यान में श्रीदेव सुमन के व्यक्तित्व व कृतित्व से जुडे़ सभी आयामों से (यथा, एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में, एक साहित्यकार के रूप में, एक पत्रकार के रूप में, एक शिक्षक के रूप में और एक समाजसेवी के रूप में) प्रतिभागियों को अवगत कराया। उन्होने श्रीदेव सुमन जी के जीवन से निरन्तर प्रेरणा लेने की बात भी कही।
व्याख्यान के विशिष्ट अतिथि कवि सोमवारी लाल सकलानी द्वारा कविता पाठ कर श्रीदेव सुमन जी को हार्दिक श्रद्वांजलि अर्पित की गयी।
इस पुनीत अवसर पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों के अलावा जौल गांव के अनिल बडोनी, अनुपम बडोनी ने भी अपने विचार साझा किये।
आयोजन के इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो0 एम0एस0 रावत, उपकुलसचिव खेमराज भट्ट, सहायक परीक्षा नियंत्रक डा0 बी0एल0 आर्य, सहायक कुलसचिव हेमराज चौहान, कुलदीप सिंह नेगी, राहुल सजवाण, अर्जुन एवं चम्बा, टिहरी और बादशाहीथौल के गणमान्य व्यक्ति आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के सहायक परीक्षा नियंत्रक डा0 हेमन्त बिष्ट द्वारा किया गया और अतिथियों का आभार कुलसचिव प्रो0 एम0एस0 रावत द्वारा किया गया।