गजब: जिला चिकित्सालय बौराड़ी में स्वास्थ्य सुविधाओं से संबंधित विगत 7 वर्षों के आंकड़े

नई टिहरी, 2 जून 2021। गढ़ निनाद ब्यूरो।
विगत 28 मई शुक्रवार को जिलाधिकारी द्वारा जिला चिकित्सालय के औचक निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर 2014 से लेकर 2021 के तुलनात्मक आंकड़े प्रस्तुत करने के निर्देश सी०एम०एस को दिए थे। इसी क्रम में जिलाधिकारी द्वारा वाछिंत आंकड़े प्राप्त हो चुके है जो की सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रामक जानकारी के बिल्कुल उलट है।
“अफवाहों पर ध्यान न दें। जिला प्रशासन से पुष्टि कर लेने के उपरांत ही किसी सूचना को मीडिया प्लेटफॉर्म पर डालें।”-डीएम
विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमो पर प्रायः यह चर्चाएं देखी गई है कि जिला चिकित्सालय पी०पी०पी० मोड़ पर पर संचालित होने के बाद इसमे स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गिरावट आई है जबकि आंकड़े बिल्कुल उलट है।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी मीडिया माध्यम पर खबर या कंटेंट लिखने से पूर्व जिला प्रशासन से उसकी प्रमाणिकता/ वास्तविकता की परख अवश्य करें। उसके उपरांत ही मीडिया प्लेटफार्म पर किसी खबर अथवा कंटेंट को प्रचारित/प्रसारित/प्रकाशित किया जाए। ताकि ऐसे संवेदनशील समय मे तथ्यहीन और भ्रामक कंटेंट व अफवाहों से बचा जा सके।
*आईपीएचएस० (इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड) अथवा भारतीय जन स्वास्थ्य मानक-2012 के अनुरूप जिला चिकित्सालय में चिकित्सक तैनात है। पी०पी०पी० मोड़ पर संचालन से पूर्व किसी चिकित्सक के अवकाश पर जाने से अभाव में जहाँ किसी अन्य चिकित्सक के तैनाती नही हो पाती थी वहीं अब यह समस्या भी आड़े नहीं आ रही है।
इससे पुर्व जहां दूरस्थ ग्रामीण इलाकों से उपचार हेतु चिकित्सालय में आने वाले मरीजो की आवश्यक माइनर व मैजोर सर्जरी के मामलों में हायर सेंटर रेफर किये जाते थे वहीं पीपीई मोड़ पर संचालन के उपरांत इन रैफर केसेज में भी कमी आई है यथा अधिकांश ऑपरेशन चिकित्सालय में सम्पन्न हो पा रहे है।
दूरस्थ ग्रामीण इलाकों से प्रसव हेतु आस लेकर चिकित्सालय आने वाली महिलाओं को ऑपरेशन की असुविधा या विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में हायर सेंटर रेफर किया जाता रहा है अथवा नामात्र ही सी-सेक्शन प्रसव हुए है। वहीं चिकित्सालय के पीपीई मोड़ पर संचालन के उपरांत प्रसव के सभी मामले यहीं टेकअप किये जा रहे है।
ओपीडी के अलावा अन्य सभी आंकड़े यह दर्शाते हैं कि चिकित्सालय का प्रबंधन और संचालन पी०पी०पी० मोड़ पर होने से स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा हुआ है। ओपीडी के आंकड़े कम होने का कारण गत व चालू वर्ष में कोरोना एवं उसके कारण लगये गए लॉक डाउन/कर्फ्यू है। कोरोना के कारण लगे लॉक डाउन व कर्फ्यू से ओपीडी के आंकड़ो में यह गिरावट समूचे देश व प्रदेश में साफ-साफ देखी जा सकती है*
*जिला चिकित्सालय के पिछले सात वर्षों (5 सरकारी+2 पी०पी०पी० मोड़) पर संचालन से संबंधित आंकड़े यही बयां करते है।*👇
📊*कुल प्रसव*📊
*GOVT* *PPP*
2014-15=388 2019-20=539
2015-16=384 2020-21=760
2016-17=456
2017-18=545
2018-19=464
📊*सामान्य प्रसव*📊
*GOVT* *PPP*
2014-15=374 2019-20=485
2015-16=384 2020-21=587
2016-17=456
2017-18=546
2018-19=458
📊*कुल सी-सेक्शन प्रसव*📈
*GOVT* *PPP*
2014-15=14 2019-20=54
2015-16=00 2020-21=173
2016-17=00
2017-18=00
2018-19=06
📈*कुल माइनर सर्जरीज*📊
*GOVT* *PPP*
2014-15=107 2019-20=396
2015-16=38 2020-21=704
2016-17=57
2017-18=108
2018-19=129
📈*मेजर सर्जरीज*📊
*GOVT* *PPP*
2014-15=165 2019-20=263
2015-16=96 2020-21=691
2016-17=56
2017-18=140
2018-19=46
📈*कुल लैब टेस्ट*📊
*GOVT*
2014-15=22104
2015-16=32191
2016-17=44107
2017-18=71167
2018-19=66802
*PPP*
2019-20=97203
2020-21=100230
📈*एक्स- रे*📊
*GOVT* *PPP*
2014-15=4453 2019-20=10530
2015-16=4409 2020-21=9389
2016-17=5202
2017-18=7317
2018-19=5397
📈*अल्ट्रासाउंड*📊
*GOVT* *PPP*
2014-15=00 2019-20=7439
2015-16=00 2020-21=6572
2016-17=6951
2017-18=5183
2018-19=4251
📈*सी०टी० स्कैन*📊
*GOVT* *PPP*
2014-15=00 2019-20=385
2015-16=00 2020-21=702
2016-17=00
2017-18=00
2018-19=00
📉*हायर सेंटर रेफर*📊
*GOVT* *PPP*
2014-15=362 2019-20=480
2015-16=402 2020-21=263
2016-17=507
2017-18=556
2018-19=507
📈*चिकित्सकों की उपस्थिति*📊
*GOVT* *PPP*
2014-15=14 2019-20=24
2015-16=14 2020-21=26
2016-17=12
2017-18=14
2018-19=21
📈*कंसल्टेंट्स*📊
*GOVT* *PPP*
2014-15=08 2019-20=11
2015-16=07 2020-21=12
2016-17=08
2017-18=09
2018-19=11
📈*जीडीएमओ एस/ईएमओ*📊
*GOVT* *PPP*
2014-15=04 2019-20=13
2015-16=04 2020-21=12
2016-17=04
2017-18=04
2018-19=04
📊*कुल ओपीडी*📊
*GOVT*
2014-15=81342
2015-16=92144
2016-17=121288
2017-18=126615
2018-19=109054
*PPP*
2019-20=97119
2020-21=59028
📊*कुल आईपीडी*📊
*GOVT* *PPP*
2014-15=4015 2019-20=4269
2015-16=4629 2020-21=3817
2016-17=4889
2017-18=6072
2018-19=4459
*आंकड़ो के अनुसार सी-सेक्शन/सिजेरियन प्रसव, माइनर व मैजोर सर्जरीज, लैब टेस्ट, एक्सरे, सिटी स्कैन व चिकित्सको की संख्या/स्वास्थ्य सेवाओं में जबरदस्त इजाफा हुआ है। इसके अलावा रेफर किये गए मामलों में भी गिरावट साफ देखी जा सकती है।