Ad Image

सरोप, डोभन में परवान नहीं चढ़ी लघु कुटीर उद्योग की स्वरोजगार योजना

सरोप, डोभन में परवान नहीं चढ़ी लघु कुटीर उद्योग की स्वरोजगार योजना
Please click to share News

राजपाल सिंह गुसाईं

कंडीसौड़/नई टिहरी। सरोप, डोभन, में उद्योग की स्वरोजगार योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है, वह फाइलों में कैद होकर रह गयी है।थौलधार विकासखंड के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उद्योग विभाग की मुहिम नाकाम साबित हो रही है। लघु और कुटीर उद्योग स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश के समय से 29 वर्ष पूर्व सरोट, डोभन गांव की भूमि ओने पौने दामों में खरीदी गई थी, उद्देश्य था उद्योग विभाग की तरफ से शिक्षित प्रशिक्षित बेरोजगारों को फर्नीचर, सीमेंट जाली, साबुन, मोमबत्ती, अगरबत्ती, मसाला, आटा चक्की, मशरूम उत्पादन, काष्ठ कला उत्पादन, रिंगाल की टोकरी, पत्तल गिलास थाली का कार्य होना था। 

जिसके लिए दो गांवों के ग्रामीणों की 8 हजार वर्ग मीटर भूमि उद्योग विभाग ने 1990 में अधिग्रहण की थी, जिसमें से अब मात्र 200 वर्ग मीटर वर्ग मीटर भूमि शेष बची है। बाकी भूमि राष्ट्रीय राजमार्ग एवं नगुन भगवान मोटर मार्ग के चौड़ीकरण से चली गई है । इस बाबत उद्योग विभाग के महाप्रबंधक महेश प्रकाश का कहना है की जो शेष भूमि बची हुई है उसका राजस्व विभाग से नापतोल किया जाएगा उसके बाद इच्छुक व्यक्ति जिलाधिकारी के यहां आवेदन कर सकता है । स्थानीय निवासी मंगल सिंह पडियार, शूरवीर सिंह राणा, जीतराम नौटियाल, प्रेम सिंह नेगी ने कहा वर्ष 1995 में 25 लोगों ने उस वक्त आवेदन फार्म भी भर दिए थे और टोकन मनी भी जमा कर दी गई थी। 

उस वक्त टिहरी बांध से डूब क्षेत्र में आए गंगा घाटी के सैकड़ों लोगों ने जिनकी दुकानें डूब क्षेत्र में गई है उन्हें उम्मीद थी कि अब उन्हें अपने कारोबार करने के लिए डूब क्षेत्र के बाहर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपना उद्योग धंधा चलाने के लिए दुकानें मिल पाएंगी। दुकानों को विकसित कर आवेदन करने वालों को रियायती दर पर दिए जाने का आश्वासन भी दिया गया था। 

अब स्थानीय लोगों एवं शिक्षित बेरोजगारों का कहना है कि जो भूमि उत्तर प्रदेश के समय में ली गई थी वह अब तो दोनों सड़कों के चौड़ीकरण से समाप्त हो गई है। अब वहां पर मात्र भर जमीन बची है । उत्तराखंड राज्य की मांग भी लड़ी गई थी कि अब हमको रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा । लेकिन आज उत्तराखंड के अंदर रोजगार के साधन ना होने के कारण लोगों को अन्य प्रदेशों में अपनी रोजी रोटी के लिए जाना पड़ रहा  है।


Please click to share News

Govind Pundir

Related News Stories