बुधू: भाजपा का बैनर फाड़ अनुशासन

टिहरी भाजपा में आजकल अनुशासन का जबरदस्त दौर चल रहा है। इतना जोर कि सरेआम पार्टी के बैनर फट रहे हैं।फटे बैनर बता रहे हैं कि चुनाव को लेकर भाजपाइयों का उत्साह आसमान पर है, इसलिए पैर जमीन पर नहीं हैं। जो जमीन से जितना ऊपर है उसके बैनर उतने ही चमक रहे हैं। हंसते मुस्कराते बता रहे हैं कि दूसरों की हैसियत क्या है।
भाजपा सिर से पैर तक अलग चाल-चरित्र की पार्टी है। इसलिए उसका तौर-तरीका भी अलग ढंग से अनुशासित है। यह अनुशासन बैनर- पोस्टरों के जरिये प्रदर्शित करने की होड़ है। पुराने लोग बताते हैं राम जन्मभूमि के आंदोलन के दौरान भी भक्तों में ऐसी ही उत्साह होता था। होड़ में भक्त यह नहीं देखते थे कि श्रीराम के पोस्टर घरों, चौराहों की दीवारों पर लग रहे हैं या शौचालयों पर ।
फिलहाल रोज-रोज-चौराहों पर नये-नये बैनर अवतरित हो रहे हैं। एक रात लगते हैं, दूसरी सुबह फटे दिखते हैं। मामले फिलहाल स्थानीय हैं, इसलिए इनमें नेहरू को दोषी नहीं ठहराया जा रहा है। अनुशासन इतना सख्त है कि शक की सुई भी अपनों से बाहर घूमने जाने नहीं दे रही है। घर की बातें घर में ही रहे, इतना सख्त अनुशासन है।
इस प्रक्रिया में इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि कौन-सा चेहरा दिखाई न दे। वर्तमान को चलता करने पर जोर है। जनता का क्या भरोसा ? इसलिए यह नेक कार्य खुद ही कर लें। बताते हैं कि टिहरी जिले के सभी भाजपा विधायकों के कामकाज की सूक्ष्मदर्शी से छानबीन की जा रही है। कारण अलग-अलग भी हैं। इन कारणों में वर्तमानों के टिकट कटने के कारण देखने वाले उम्मीदों से हैं।
टिहरी मुख्यालय की सीट है। इस पर कई दावेदारों के नाम उछल-फुदक रहे हैं। यहाँ नेताओं की पहुंच सीधे पीएम मोदी जी तक है। इसलिए व्रत, त्योहार, जन्मदिन, स्वागत हो या कोविड 19 की वैक्सीन के बैनरों पर मोदी जी के साथ नेता ही मुस्कुरा रहे हैं। सीएम का क्या भरोसा ? कब का बदल जाएं। बीच-2 में फुटकर तो चलते हैं। अनुशासन और वादा पक्का है इसलिए भविष्य में वर्तमान के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
बुधू ने ऐसी प्रतियोगिता पहले नहीं देखी, इसलिए खोजी पत्रकारिता अभी काम नहीं आ सकी है। किसका पता कटने वाला है और किसका बदलने वाला, यह बाद में। पहले प्रतियोगिता की तह में जाने की कोशिश करते हैं। संघी न सही किसी कुसंगी से ही सही, कुछ पता चल जाए। इंतजार कीजिए।
आपका अपना बुधू।