हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक हटाई, कहा डीएलएड वालों को भी भर्ती प्रक्रिया में करें शामिल
नैनीताल। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सहायक अध्यापकों की भर्ती पर लगी रोक हटा दी है। तथा सरकार को कानून सम्मत तरीके से भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने के निर्देश दिये हैं। खंडपीठ ने सरकार को निर्देश देते हुए कहा है कि वह याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल करते हुए भर्ती प्रक्रिया शुरू करे।
बता दें कि जितेंद्र सिंह और अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर राज्य सरकार के 10 फरवरी 2021 के शासनादेश को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि वह 2019 में
एनआईओएस के दूरस्थ शिक्षा माध्यम से डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त है लेकिन राज्य सरकार ने इस माध्यम से प्रशिक्षण को सहायक अध्यापक प्राथमिक की नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर कर दिया।
वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने बुधवार को मामले से जुड़ी अनेक याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नियुक्तियां अंतत: अदालत के आदेश के अधीन रहेंगी। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि नियुक्तियां 2012 की नियमावली और शिक्षा का अधिकार अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत ही करें।
याचिकाकर्ताओं का कहना है था कि केंद्र सरकार ने 16 दिसंबर 2020 और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के 6 जनवरी 2021 को जारी आदेशों में एनआईओएस की दूरस्थ शिक्षा पद्धति से डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को अन्य माध्यमों से प्रशिक्षित अभ्यर्थियों के समान माना गया है। ऐसे में राज्य सरकार का यह कदम गैर कानूनी है। कोर्ट के आदेश के बाद डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने राहत की सांस ली है।