पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को निर्मला सीतारमण ने दिया जोर का झटका
वित्त मंत्री का ऐलान पेट्रोल-डीजल को नहीं लाया जाएगा जीएसटी के दायरे में, चाहे कुछ भी करो
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की लोकप्रिय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को आज जोर का झटका दिया है। वित्त मंत्री ने साफ कर दिया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी दायरे में नहीं लाया जाएगा।
हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कुछ सबसे महंगी जीवनरक्षक दवाओं को जीएसटी से छूट दी है। जिनमें जोलगेंज्मा और विलटेस्पो शामिल हैं। इन दोनों की कीमत करीब 16 करोड़ रुपये है, लेकिन इनका कोरोना से कोई लेना देना नहीं है।
आज 45वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जीएसटी काउंसिल ने महसूस किया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का ये सही वक्त नहीं है। इस फैसले ने केंद्र-राज्यों की कमाई का रास्ता खुला रखा है। मगर उन लोगों को जोर का झटका दिया है जो बेचारे तेल की कीमतों में कमी की आस लगाए बैठे थे।
आपको बता दें कि 1 जुलाई 2017 को जब जीएसटी लागू हुआ था तो केंद्र व राज्य सरकारों ने अपने राजस्व के मद्देनजर कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल और एटीएफ को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा था। इस पर केंद्र सरकार व राज्य सरकारें अपने-अपने यहां अलग-अलग कर लगाती हैं और उससे आने वाला पैसा सरकारी खजाने में जाता है।