प्लास्टिक के एकल उपयोग से बचने के लिए जागरूकता कार्यक्रम
देहरादून। एकल उपयोग प्लास्टिक पर्यावरण के साथ-साथ जल प्रदूषण सहित प्रदूषण के सबसे प्रचलित कारणों में से एक है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और हमारे दैनिक गतिविधियों में इस प्रकार के प्लास्टिक से बचने की सख्त जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के विस्तार विभाग ने आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत सिंगल यूज प्लास्टिक को हतोत्साहित करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
जहां डॉ. विनीत कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक, रसायन विज्ञान और बायो प्रॉपेक्टिंग प्रभाग द्वारा “एकल उपयोग प्लास्टिक को हतोत्साहित” पर व्याख्यान दिया गया। श्रीमती ऋचा मिश्रा, प्रमुख विस्तार प्रभाग ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और मुख्य अतिथि श्री आर.पी. सिंह, प्रमुख वनपालन एवं वन प्रबंधन विभाग को कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए एवं परिचयात्मक टिप्पणी आमंत्रित किया। अपने उद्घाटन भाषण में, उन्होंने उल्लेख किया कि यह पर्यावरण के अनुकूल विकल्प के साथ एकल उपयोग प्लास्टिक को रोकने का समय है और सामग्री ले जाने के लिए कपास और जूट बैग बेहतर विकल्प हैं।
डॉ. विनीत कुमार ने सिंगल यूज प्लास्टिक और इसके प्रकार और उनकी रासायनिक संरचना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक इंसानों, जानवरों और यहां तक कि समुद्री जैव विविधता के लिए भी बहुत हानिकारक है। सिंगल यूज प्लास्टिक बैग और अन्य प्लास्टिक वस्तुओं के उत्पादन से जहरीले रसायन निकलते हैं जो इसके उत्पादन में शामिल लोगों में गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं। उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक से रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल की अवधारणा का सुझाव दिया।
डॉ. चरण सिंह, वैज्ञानिक-एफ, संस्थान के विस्तार प्रभाग द्वारा दिए गए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।