देश को मिले 319 जांबाज अफसर, पासिंग आउट परेड में शामिल हुए राष्ट्रपति कोविंद

देहरादून। आज आईएमए में पासिंग आउट परेड आज सादगी से संपन्न हुई। बतौर रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जेंटलमैन कैडेट्स की सलामी ली। इस बार आईएमए से 387 जेंटलमैन कैडेट पास आउट हुए। जिनमें से 319 बतौर अफसर भारतीय सेना से जुड़े हैं।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने परेड की सलामी ली । परेड में शामिल होने के लिए इस बार उत्तराखंड के राज्यपाल रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी पहुंचे। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार भी अपने परिवार के साथ आईएमए में मौजूद थे।
इस कार्यक्रम में जनरल बिपिन रावत भी शामिल होने वाले थे। लेकिन तमिलनाडु के कुन्नूर में एयरफोर्स के एमआई-17 वी-फाइव हेलीकॉप्टर के क्रैश होने के कारण चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना और वायुसेना के 13 अधिकारियों और जवानों का निधन हो गया था। इस कारण बड़ी सादगी से कार्यक्रम संपन्न हुआ।शेड्यूल में पूर्व निर्धारित मल्टी एक्टिविटी डिस्पले और लाइट एंड साउंड शो भी राष्ट्रीय शोक के चलते रद्द कर दिया गया।
पासिंग आउट परेड में देश-विदेश के 387 जेंटलमैन कैडेट्स शामिल हुए। इनमें से 319 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थलसेना को मिले। इनमें 68 युवा सैन्य अधिकारी आठ मित्र देश अफगानिस्तान, भूटान, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव, म्यांमार, तंजानिया और तुर्कमेनिस्तान की सेना को मिले हैं।
1932 में निकला था पहला बैच
आपको बता दें कि 1932 में 40 कैडेट के साथ अकादमी का सफर शुरू हुआ था। प्रथम बैच में भारत के पूर्व फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ, म्यांमार के पूर्व सेनाध्यक्ष स्मिथ डन और पाकिस्तान के पूर्व सेनाध्यक्ष मोहम्मद मूसा पास आउट हुए थे। तब से यह संस्थान जांबाज युवा अफसरों की फौज तैयार कर रहा है। खास बात यह कि अकादमी में मित्र देशों के भी कैडेट प्रशिक्षण लेते हैं। अब तक 60 हजार 725 कैडेट अकादमी से पास आउट हुए हैं।