उत्तराखंड की ऊंची पहाड़ियों में बर्फबारी,निचले इलाकों में झमाझम बारिश
उत्तरकाशी/नई टिहरी। गढ़वाल मंडल की ऊंची पहाड़ियों में साल 2022 की पहली बर्फवारी की खबर है। उत्तरकाशी जनपद के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में खूब बर्फबारी हुई है। वहीं निचले क्षेत्रों में भी बारिश से मौसम काफी ठंडा हो गया है। यमुनोत्री, जानकीचट्टी, यमुनोत्री, हर्षिल, केदारकांठा, दयारा बुग्याल आदि क्षेत्रों में मंगलवार को भी बर्फबारी हुई है और आज भी हो रही है।
मसूरी, धनोल्टी, सुरकंडा में बर्फबारी
टिहरी गढ़वाल की ऊंची पहाड़ियों सुरकंडा, धनोल्टी आदि में जनवरी माह कि पहली बर्फवारी हो रही है । इससे पूरे उत्तराखंड में ठंड ने दस्तक दे दी है । अभी कुछ दिनों तक मौसम साफ होने के आसार नहीं हैं। एकाएक बर्फबारी से पहाड़िया बर्फवारी से ढक गयी हैं। पर्यटकों को उसका सुंदर दृश्य देखने को मिलेगा। इससे किसानों को इस बर्फबारी से उनके खेत खलियानो को भी लाभ मिलेगा।
अगले 5 दिन तक साफ नहीं मौसम
वहीं मौसम विभाग ने अगले पांच दिन तक मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। मंगलवार रातभर राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है। जिसके बाद पर्यटक इन हिल स्टेशनों का रुख कर रहे हैं। आज सुबह से भी हल्की बारिश और कहीं कहीं बर्फबारी जारी है।
मसूरी, नई टिहरी में झमाझम बारिश
उधर मसूरी में झमाझम बारिश से तापमान में भारी गिरावट आयी है। मसूरी में बारिश व बर्फबारी के चलते शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। ठंड से बचने के लिए लोगों ने अलाव का सहारा लिया। साथ ही ठंड बढ़ने से शहर में आए पर्यटकों ने गर्म कपड़ों की जमकर खरीदारी की।
चमोली जिले में भी बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, रुद्रनाथ, गौरसों बुग्याल, औली, लाल माटी, नंदा घुंघटी के साथ ही नीती और माणा घाटियों में भी बर्फबारी हुई है।
मौसम केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश में बारिश का सिस्टम बना हुआ है, जिसके कारण अधिकांश क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है। इससे पहले सोमवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम साफ बना रहा।
बद्रीनाथ, केदारनाथ यमनोत्री, गंगोत्री में बर्फ़बारी
केदारनाथ में भी रुक-रुककर बर्फबारी हो रही है। द्वितीय केदार मद्महेश्वर व तृतीय केदार तुंगनाथ सहित अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी जमकर बर्फबारी हुई है, जिससे ऊपरी क्षेत्र के गांवों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बर्फबारी के कारण केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य फिर से ठप हो गए हैं।