योगी आदित्यनाथ ने शपथ के लिए 25 मार्च का दिन ही क्यों चुना? जानिये क्या कहती है ज्योतिषीय गणना
ऋषिकेश। सूत्रों के मुताबिक उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने योगी आदित्यनाथ के दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने हेतु शपथ ग्रहण का समय 25 मार्च को सांयकाल 4:00 बजे निर्धारित किया। शपथ ग्रहण के लिए राजभवन से निमंत्रण भेजा गया है। निमंत्रण पत्र के मुताबिक योगी आदित्यनाथ नए सीएम पद की शपथ 25 मार्च को शाम 4 बजे लेंगे।
योगी आदित्यनाथ 25 मार्च को दूसरी बार देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने के लिए खास तैयारी की गई है। समारोह लखनऊ के इकाना इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम जानी-मानी हस्तियां शिरकत करेंगी।
सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल विद्यार्थी जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में रहे हैं इससे भले ही मिलना ना होता हो परंतु उनका एक दूसरे के प्रति विशेष लगाव है ज्योतिष जगत में अंतरराष्ट्रीय पहचान रखने वाले आचार्य घिल्डियाल के मुताबिक 25 मार्च को शपथ की तारीख के चुनाव के पीछे भी खास वजह है। दरअसल, 14 मार्च को सूर्य के मीन राशि में आने के बाद से खरमास चल रहा है, जो 14 अप्रैल तक रहेगा। खरमास में किसी भी तरह का शुभ वर्जित है। इस दौरान गृह निर्माण आरंभ, जनेऊ, मुंडन, विवाह जैसे संस्कार नहीं करने की मान्यता है।
लेकिन खरमास में उत्तर प्रदेश में नई सरकार का गठन होने जा रहा है और योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। गुरु इन दिनों अस्त चल रहे हैं और गुरु के अस्त होने कारण इस काल में कोई भी नया कार्य या पदभार ग्रहण करना अच्छा नहीं माना जाता है। अब गुरु 26 मार्च को उदित होंगे।
लेकिन इन सभी प्रतिकूल योगों के बीच एक शुभ स्थिति भी बन रही है। 24 मार्च को बुध मीन राशि में पहुंचकर बुधादित्य योग बना रहे हैं, जिसे ज्योतिष शास्त्र में राजयोग के रूप में जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक बुध और सूर्य का संयोग राजनीति में सत्ता को बुद्धि और कौशल से चलाने का कौशल प्रदान करता है। साथ ही शासक और राजस्व में वृद्धि करने के लिए बुद्धि प्रदान करता है। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की सत्ता चलाने के लिए इस प्रकार का योग होना बहुत आवश्यक है
मंत्रों की ध्वनि को यंत्रों में परिवर्तित कर जीवन की सभी परेशानियों को दूर करने के लिए प्रसिद्ध आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि
महीने में खरमास होने के बाद भी यह महीना शुभ माना गया है। इसलिए खरमास होने के बावजूद शपथ ग्रहण के लिए यह योग शुभ है। होली से पहले शपथ न लेने के पीछे होलाष्ठक के होने का कारण बताया था।
वहीं, नक्षत्र की बात करें तो 25 तारीख को नक्षत्र बहुत ही उत्तम है और इस दिन स्थिर योग बन रहा है। जिस दौरान किया गया कोई भी कार्य स्थिर होता है। इस दिन मूल नक्षत्र अष्टमी तिथि है जिसे शीतला अष्टमी भी कहते है।
आचार्य श्री के मुताबिक ऐसे समय में जो भी कार्य किया जाता है उसमें कोई भी विघ्न-बाधा नहीं आता है इसलिए 25 तारीख को योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल के साथ शपथ ग्रहण लेंगे। उन्होंने विशेष बात यह भी उल्लेखित की कि योगी आदित्यनाथ की 2024 में केतु की महादशा के बाद शुक्र महादशा चलेगी, और शुक्र ग्रह सौरमंडल में स्त्री ग्रह माना जाता है इसलिए योगी आदित्यनाथ को प्रत्येक महत्वपूर्ण कार्य अष्टमी तिथि को करने चाहिए जिससे उनका शुक्र ग्रह बलवान हो क्योंकि उसकी दशा 20 वर्ष के लिए उन पर आएगी इस प्रकार अभी से वह इन सब बातों का पालन करेंगे तो यह दशा उनके लिए स्वर्णकाल साबित हो सकती है
यहां यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल की भविष्यवाणियां लगभग सटीक साबित होती हैं उत्तराखंड चुनाव सहित मुख्यमंत्री एवं मंत्रिमंडल मैं कौन शामिल हो सकता है इसके लिए भी उनकी भविष्यवाणी एकदम सटीक साबित हुई है।
*आचार्य का परिचय* आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल पब्लिक सर्विस कमीशन उत्तराखंड से चयनित प्रवक्ता संस्कृत हैं। निवास स्थान- 56 / 1 धर्मपुर देहरादून, कैंप कार्यालय मकान नंबर सी 800 आईडीपीएल कॉलोनी वीरभद्र ऋषिकेश, मोबाइल नंबर-9411153845 है।
*उपलब्धियां* वर्ष 2015 में शिक्षा विभाग में प्रथम गवर्नर अवार्ड सम्मानित, 2016 में ज्योतिष रत्न सम्मान, 2017 में ज्योतिष विभूषण, वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा की सबसे पहले सटीक भविष्यवाणी की और 2015 से 2018 तक लगातार एक्सीलेंस अवार्ड प्राप्त किया। शिक्षा एवं ज्योतिष क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए 5 सितंबर 2020 को प्रथम वर्चुअल टीचर्स राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त किया और 2019 में ज्योतिष वैज्ञानिक सम्मान प्राप्त किया।