डामरीकरण की इंतजार में पौड़ीखाल-तोली- चपोली-ग्वालना-नगर मोटर मार्ग, बड़े-बड़े गड्डे दुर्घटना को दे रहे न्योता
नई टिहरी। पौड़ीखाल-तोली-ग्वालना-नगर मोटर मार्ग डामरीकरण की इंतजार में है। पौड़ी खाल से तोली तक सड़क का एक बार डामरीकरण हो चुका था लेकिन वर्षों बाद अब सड़क पर बड़े बड़े गढ्ढे बन गए हैं जो दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। सड़क पर दो पहिया,चौ पहिया वाहन छोड़ो पैदल चलना भी मुश्किल है।
पौड़ीखाल मुख्य बाजार टैक्सी स्टैंड से नंदोली- चपोली तक तो सड़क का बहुत ही बुरा हाल है। कई दुर्घटनाएं भी घट चुकी हैं। वहीं तोली से ग्वालना-नगर तक सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। यह मार्ग इस क्षेत्र की लाइफ लाइन है, बहुत आवागमन इस पर होता है मगर अस्थाई खंड लोक निर्माण विभाग कीर्ति नगर की लापरवाही के चलते डामरीकरण नहीं हो पाया है।
“क्षेत्रीय विधायक विनोद कंडारी ने हाल में क्षेत्र का दौरा कर मार्ग को पक्का करने तथा नगर में मोटर पुल शीघ्र बनाने का आश्वासन दिया है।
कहा कि पुल के निर्माण के लिए जल्द इंजीनियरों का एक दल कार्य स्थल का मुआयना करेगा। उन्होंने पौड़ीखाल से नगर तक 19 किमी मार्ग के डामरीकरण के लिए मुख्यमंत्री जी से वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने को पत्र लिखा है।”
“यही नहीं स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं जनता ने दोनों विकास खण्डों (देवप्रयाग और नरेंद्र नगर) को जोड़ने वाले ग्राम नगर (कोटेश्वर) में दशकों पूर्व जिला पंचायत द्वारा बनाए गए झूला पुल (अब जीर्णशीर्ण) को मोटर पुल में बदलने की भी मांग की है। इस मोटर पुल के बनने से देवप्रयाग और नरेंद्र नगर विधानसभा की जनता को देवप्रयाग- ऋषिकेश तथा टिहरी जिला मुख्यालय पहुंचने में समय और पैसे दोनों की बचत होगी।”
गढ़ निनाद पहले भी कई बार इस सड़क की हालत बयां कर चुका है। इस मार्ग पर तोली से ग्वालना तक उगी झाड़ियां दुर्घटना को न्योता दे रही है। साथ ही पैदल चलने वाले राहगीरों को जंगली जानवरों का भी खतरा बना हुआ है। सड़क किनारे उगी झाड़ियों से संकरे व अंधे मोड़ों पर दूसरी ओर से आने वाले वाहन दिखाई न देने से भिड़ंत होने का डर बना रहता है।
इसके साथ ही जंगल घास-लकड़ी को जाने वाली महिलाओं व स्कूल जाने वाले बच्चो को भी जंगली जानवरों का खतरा बना हुआ है। दो पहिया वाहनों से यात्रा करना तो और भी खरतनाक हो गया है। कई बार दो पहिया वाहन फिसलने से दुर्घटना भी हुई हैं। ग्रामीणों ने सड़क किनारे उगी झाड़ियों को यथा शीघ्र काटने तथा मार्ग का जल्दी से जल्दी डामरीकरण करने की मांग की है।
बता दें कि उक्त मोटर मार्ग का तोली से ग्वालना तक का डामरीकरण न होने से ग्रामीणों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। विशेष कर दुपहिया वाहनों से जो बच्चे पढ़ने पौड़ीखाल आते जाते हैं उन्हें दुर्घटना का डर सताता रहता है। यही नहीं ग्वालना के नाणसु तोक में स्थित जूनियर हाईस्कूल तक भी छात्र छात्राओं व स्टाफ को कच्चे मार्ग से सफर करना पड़ता है और मुफ्त का पावडर (धूल) खानी पड़ती है। लोक निर्माण विभाग से बार बार अनुरोध करने पर भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।