राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के चौथे दिन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित
ऋषिकेश 28 फरवरी 2023। पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर के चौथे दिन भरत मंदिर इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रांगण में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
बौद्धिक सत्र में श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के रसायन विज्ञान के विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एस.पी सती एवं अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पुष्पांजलि आर्य का। द्वारा। स्वयंसेवीऔ द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना का बैच लगाकर स्वागत किया गया। प्रो सती ने गंगा नदी की यात्रा एवं उसके इतिहास पर विशेष प्रकाश डाला साथ ही उन्होंने विज्ञान दिवस पर भी अपने विचार व्यक्त किए।
उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा जब तक कि हर मनुष्य यह नही समझ जाता कि गंगा के अस्तित्व से ही उसका अस्तित्व हैं। पूरे आर्यावृत भारत का अस्तित्व गंगा हैं, जिसमें लगभग 31 से ज्यादा छोटी बड़ी नदियाँ मिलती हैं।हिमालय का ह्रदय पिघलता हैं ग्लेशियर पिघलते है, तो गंगा गोमुख से प्रवाहित होकर धरती पर उतरती हैं। यह भारतीय दर्शन आध्यात्म संस्कृति का पवित्र प्रवाह हैं मात्र जल का प्रवाह नही हैं। श्रीकृष्ण इसे गीता में कहते हैं स्रोतसामस्मी जाह्वी अर्थात नदियों में जलस्रोतों में गंगा जी के रूप में मौजूद हूँ। गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करना एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसकी सफलता के लिए जरूरी है कि सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं, वाणिज्यिक उपक्रम और धार्मिक संस्थान भी पूरी ईमानदारी के साथ इस राष्ट्रीय कार्यक्रम से जुड़े। गंगा के आस-पास रहने वाले प्रत्येक भारतीय का भी यह नैतिक कर्तव्य बनता है कि वह इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में जिस रूप में भी संभव हो अपना सकारात्मक योगदान करे। इसी सत्र में अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर पुष्पांजलि आर्य जी ने एक मधुर संगीत के माध्यम से महिला जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ प्रीति खंडूरी ने किया। उन्होंने विज्ञान दिवस एवं धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ मिश्रा ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ अशोक मेंदोला जी ने भी स्वयंसेवकों के साथ विज्ञान दिवस पर अपने विचार साझा किए।