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बढ़ते नशे को आज के युवा से मुक्त कराना हम सभी का उद्देश्य है, सभी को इसके प्रति सहानुभूति, समझ और समर्थन की आवश्यकता है-कुलपति प्रो.एन.के. जोशी

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ऋषिकेश 26 जून 2023। पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परीक्षा ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, एंटी ड्रग सेल एवं नमामि गंगे प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में अडॉप्टेड मलिन बस्ती मायाकुंड में जन जागरूकता रैली एवं सर्वेक्षण का कार्य स्वयंसेवकों द्वारा किया गया I

छात्र-छात्राओं द्वारा विश्वविद्यालय परिसर से लेकर मायाकुंड तक जन जागरूकता रैली निकाली, परिसर में रैली को संबोधित करते हुए परिसर के प्राचार्य प्रोफेसर महावीर सिंह रावत ने स्वयंसेवकों से कहा नशा इंसान के शरीर के साथ-साथ उसके जीवन को भी नष्ट करने का काम करता है, ये एक ऐसा पदार्थ है जो धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला कर देता है, दुनियाभर में नशीली दवाओं का सेवन लोग करते हैं और इसकी संख्या हर दिन बढ़ रही है। लोगों में नशामुक्ति के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए 26 जून के दिन पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाया जाता हैI विश्वविद्यालय के मा० कुलपति प्रो० एन०के०जोशी द्वारा अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के अवसर पर स्वयंसेवीऔ को अपने संदेश में कहा बढ़ते नशे को आज के युवा से मुक्त कराना हम सभी का उद्देश्य है, इसलिए सभी को इसके प्रति सहानुभूति, समझ और समर्थन की आवश्यकता है। समाज को एक अच्छा माहौल प्रदान करने के लिए नशे को छोड़ना सबसे पहला काम है।समाज को एक दयालु वातावरण बनाने के लिए प्रोत्साहित करें जो नशा मुक्ति को बढ़ावा देता है और व्यक्तियों को अपने जीवन के पुनर्निर्माण में मदद करता है। हम सभी को मिलकर नशा मुक्ति का अभियान चलाना होगा, तथा सभी की जागरूकता से हम सामाजिक स्वच्छता को सुनिश्चित कर सकते है।नशामुक्ति के लिए हम सभी को “वैश्विक समुदाय और एकजुटता के लिए कदम उठाने होंगे, हम सभी को संकल्प लेना होगा ना हम नशा करेंगे और ना किसी को करने देंगे अपने स्तर पर अपने परिसर,अपने गांव,अपने मोहल्ले,अपने शहर में लोगों को जागरूक करेंगे ।

वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी एवं एंटी ट्रक सेल के नोडल अधिकारी डॉ. अशोक कुमार मैन्दोला ने अडॉप्टेड बस्ती मायाकुंड में पहुंचने पर बस्ती के लोगों को जागरूक करते हुए कहा निश्चित रूप से नशे का कारोबार और युवाओं में इसका बेतहाशा बढ़ता प्रचलन आज एक वैश्विक समस्या बन गयी है, और भारत भी इससे अछूता नहीं है। उड़ता पंजाब बनने की कहानी तो खैर पुरानी हो चुकी है, फिलहाल आध्यात्मिकता, नैसर्गिक विविधता, जैवसम्पदा, पर्यटन, तथा यहां के रहवासियों के सीधे-सरल स्वभाव के चलते अपनी विशिष्ठ पहचान बना चुके उत्तराखंड राज्य के कई जिले भी इस वक्त नशे की गिरफ्त में हैं। इस वर्ष मई 2023 तक तक एनडीपीएस एक्ट के तहत 586 केस रजिस्टर्ड हो चुके हैं जिनमें 742 आरोपी गिरफतार हो चुके हैं। यह जानकारी एक समीक्षा बैठक में नारकोटिक्स डिपार्टमेंट की ओर से बताई गई।सरकार द्वारा राज्य में ड्रग्स माफिया को जड़ से समाप्त करने के लिए नकल विरोधी कानून की तरह कड़े से कड़े कानून को लाने एवं एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स बनाई जा रही है, ये स्पेशल फोर्स नशे के खिलाफ अभियान को बड़े स्तर पर चलाएगी और उत्तराखंड में नशे के कारोबार पर लगाम लगाने के साथ ही 2025 तक राज्य को ड्रग्स फ्री स्टेट बनाने का भी संकल्प लिया गया है, फिर भी लोगों को जागरुक होने की जरूरत है। बिना एक-दूसरे के सहयोग के ये संभव नहीं है इसलिए हर साल इस दिन को लेकर थीम बदली जाती है। अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस में इस साल की थीम ”कलंक और भेदभाव को रोकें, रोकथाम को मजबूत करें” है। इस अवसर का मलिन बस्ती मायाकुंड में स्वयंसेवियों द्वारा घर घर जाकर सर्वेक्षण का कार्य एवं नशे से मुक्ति रहने का संदेश दिया गया। स्वयंसेवियों द्वारा वृक्षारोपण एवं फलदार पौधों का वितरण किया गया ।


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