उपलब्धि का सम्मान भी, सम्मान संग जलपान भी
टिहरी गढ़वाल 22जुलाई 2023। लोकेंद्र जोशी घनसाली। “उपलब्धि का सम्मान भी, सम्मान संग जलपान भी” कार्य क्रम में “विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित,भिलंगना प्रखण्ड के अद्भुत प्रतिभा के धनी श्री देव रतूड़ी को सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया।
श्री देव रतूड़ी ने अपने संबोधन में कहा कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में उपलब्धि के लिए शिक्षा आवश्यक है। और अच्छी शिक्षा का जिम्मा शिक्षकों को उठाना होगा। क्योंकि शिक्षकों के बिना अच्छी शिक्षा का होना असंभव है। उन्होंने अपने खट्टे मीठे अनुभवों को साझा करते हुए कहा जीवन में सम्भव करने के लिए हर सम्भव प्रयास करना जरूरी है।तबी लक्ष्य हाशिल् किया जा सकता है।, उत्तराखंड की सुंदरता में प्रकृति ने बहुत सी संभावनाएँ दी है। बशर्ते इसे परखने के बजाय इस ओर ध्यान केंद्रित कर, काम करने की हर स्तर से आवश्यकता है।
आपको बताते चलें कि,भिलंगना प्रखण्ड के बालगंगा नदी के तट पर स्थित छोटे से गांव ग्राम- केमरिया सौड, पट्टी- केमर ,के संसाधन विहीन घर घर का नौजवान पढाई छोड़ कर जब लाचारी से रोजगार के लिए घर गाँव से निकला तो मन में बड़े सपने संजोया और,वह रात दिन की – जी तोड़ मेहनत के बल पर बड़ी उपलब्धि हाशिल् करने में कामयाब हुआ। देव रतूड़ी ने विदेश की धरती पर लगभग 45 वर्ष की आयु में कामयाबी पाकर अपना अपने क्षेत्र और देश का नाम रोशन किया।
मार्शल आर्ट” जिसे हम ज्यूडो कराटा भी कहते हैं में खास रुचि रखने वाले देव रतूड़ी ने अपने गाँव से – मुंबई से हरियाणा और दिल्ली आकर मार्शल आर्ट सीखा फिर दिल्ली में विद्यालय खोला और चाइना जाकर शिक्षा ली। उसके बाद होटल में बैटर की नौकरी शुरू करते हुए, आज उसी चाइना में प्रमुख होटल ब्यासायियों में शामिल हैं। इससे बढ़ कर भी खुशी की बात है कि, वे 40 से भी अधिक छोटी बड़ी फ़िल्मों में अभिनय कर चुके हैं।उनकी लग्न और कड़ी मेहनत का परिणाम ही है कि,वे चीन जैसे विकसित देश के छात्रों के पाठ्यक्रम में पढाए जाते हैं। उनकी झोली में कई राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय पुरस्कारों से भरने का शिलाशिला जारी है।
इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्यिक मंच घनसाली के तत्वावधान में” “उपलब्धि का सम्मान भी, सम्मान संग जलपान भी! ” के तहत श्री देव रतूड़ी को खचखच् भरे होटल सभागार में शहर के प्रबुद्धजनों ने उन्हे फूल मलाएं पहना कर,अंग वस्त्र के साथ,उन्हे उतराखंड के गांधी इंद्रमणि बडोनी का चित्र भी, स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट किया गया।
इस अवसर पर “इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्य मंच घनसाली के संरक्षक- उत्तराखंड जन विकास परिषद के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह रावत , संयोजक- राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त लोकजन कवि अध्यापक बेलीराम कंसवाल ,मंच के अध्यक्ष- उत्तराखंड आंदोलनकारी, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री लोकेंद्र दत्त जोशी , उपाध्यक्ष- उत्तराखंड जन विकास परिषद के महासचिव आर.बी.सिंह , कोषाध्यक्ष- पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मनोज रमोला , वयोवृद्ध, हमारे मार्गदर्शक सुंदर सिंह कठैत, व्यापार मंडल के अध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र डंगवाल , पूर्व प्रधानाध्यापक कुंवर सिंह रावत , जिलाअध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक संघ चंद्र वीर सिंह नेगी , प्रधानाध्यापक विजयचंद रमोला , पूर्व प्रधानाध्यापक रामेश्वर प्रसाद बडोनी , पूर्व वन अधिकारी किशन सिंह नेगी , राजकीय माध्यमिक शिक्षक संघ ब्लॉक अध्यक्ष लोकेंद्र रावत , कार्यालय मंत्री शैलेंद्र गैरोला , पूर्व अध्यापक रघुवीर सिंह रावत , अध्यापक महेश्वर सेमवाल , पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विकास सेमवाल , पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनिल चौहान , बालगोविंद रतूड़ी (पीडब्ल्यूडी), स0शि0मं0 पिलखी के प्रधानाचार्य प्रकाश बिज्लवाण , वर्तमान छात्रसंघ अध्यक्ष आशुतोष बिष्ट , अम्बेडकर जनविकास समिति घनसाली के महासचिव बॉबी प्रकाश श्रीवाल , राजपाल नेगी , केशव पुर्वाल , मक्खन सिंह राणा , अध्यापक जे.डी ढौंडियाल , पत्रकार जगत से पहाड़ की दहाड़ के संपादक तेजराम सेमवाल , प्रधान टाइम से सत्यप्रकाश ढौंडियाल तथा अनेक सेवारत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकगण, विभिन्न समाजसेवी तथा राजनैतिक जन प्रतिनिधि गण आदि लोग मौजूद रहे। और सभी ने एक स्वर में रतूड़ी के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष एडवोकेट लोकेन्द्र जोशी तथा स संचालन महामंत्री विनोद लाल शाह ने किया।