‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की जांच के लिए 8 सदस्यीय समिति गठित
नई दिल्ली 2 सितंबर। केंद्र सरकार ने देश में एक बार में चुनाव कराने को लेकर उच्च स्तरीय समिति (HLC) का गठन किया है। कमेटी के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद बनाए गए हैं। जबकि समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व मंत्री गुलाम नबी आजाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी को सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है।
वहीं कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। इसके लिए सरकार ने आज 2 सितंबर को अधिसूचना जारी की है। समिति का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा। समिति तुरंत कार्य आरंभ करेगी और यथाशीघ्र सिफारिशें करेगी। श्री नितेन चंद्रा, सचिव, भारत सरकार कानूनी मामलों का विभाग एचएलसी का सचिव होगा। समिति का कार्यकाल कितना होगा अभी स्पष्ट नहीं किया है।
- समिति इन स्थितियों में अहम भूमिका निभाएगी
समिति एक साथ चुनाव कराने की स्थिति में त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव या दल बदल से उभरते परिदृश्यों के प्रभाव का विश्लेषण करेगी और इस बात का अध्ययन करेगी कि क्या संविधान में संशोधन के लिए राज्यों के अनुमोदन की आवश्यकता होगी। लोकसभा, विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की संभावना पर विचार और सिफारिश करेगी।
बता दें कि 1951-52 से 1967 तक अधिकतर चुनाव एक साथ होते थे जिसके बाद यह सिलसिला टूट गया और अब, चुनाव लगभग हर साल और एक साल के भीतर भी अलग-अलग समय पर होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सरकार और अन्य हितधारकों द्वारा बड़े पैमाने पर खर्च किया जाता है, सुरक्षा बलों का ध्यान भटकाया जाता है और अन्य चुनाव अधिकारी अपने प्राथमिक कर्तव्यों से लंबे समय तक ऐसे चुनावों में लगे रहे, आदर्श आचार संहिता के लंबे समय तक लागू रहने के कारण विकासात्मक कार्यों में व्यवधान आता है।
जबकि भारत के विधि आयोग ने चुनावी कानूनों के सुधार पर अपनी 170 वीं रिपोर्ट में कहा कि: “हर साल और बिना मौसम के चुनावों के इस चक्र को समाप्त किया जाना चाहिए। हमें उस स्थिति से निपटना चाहिए जहां लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होते हैं।”