श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय मुख्यालय में किया गया स्वामी रामतीर्थ जी की 150 वीं जयंती भव्य आयोजन
स्वामी रामतीर्थ जी की जयंती पर माननीय कुलाधिपति का आर्शीवचन मिलना विश्वविद्यालय परिवार के लिए गौरव का क्षण- प्रो0 एन0के0 जोशी
टिहरी गढ़वाल 21 अक्टूबर। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय बादशाहीथौल टि0ग0 के वीर गबर सिंह मैमोरियल हाॅल में श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय एवं स्वामी रामतीर्थ फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो0 एन0के0 जोशी की अध्यक्षता में स्वामी रामतीर्थ जी महाराज की 150 वीं जयंती हर्षाेल्लास के साथ एवं भव्य रूप में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कुलाधिपति/श्री राज्यपाल ले0ज0 गुरमीत सिंह, पी0वी0एस0एम0, यू0वाई0एस0एम0, ए0वी0एस0एम0, वी0एस0एम0 (से0नि0) एवं अति विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत जी द्वारा वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि टिहरी विधान सभा के सम्मानित विधायक श्री किशोर उपाध्याय, अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त देव संस्कृति विश्वविद्यालय के सम्मानित प्रतिकुलपति डाॅ0 चिन्मय पंडया जी, चार्टड एकाउंटेंट एवं समाजसेवी श्री राजेश्वर पैन्यूली , स्वामी रामतीर्थ फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री विनोद चमोली एवं अन्य महानुभावन/गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम सभी विशिष्ट अतिथियों द्वारा स्वामी रामतीर्थ जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण तत्पश्चात् दीप प्रज्वलन कर वैदिक मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। माननीय कुलाधिपति महोदय जी एवं माननीय उच्च शिक्षा मंत्री जी के कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुड़ते ही कार्यक्रम में की अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के मा0 कुलपति प्रो0 एन0 के0 जोशी द्वारा स्वागत भाषण में माननीय कुलाधिपति/श्री राज्यपाल जी के बारे सभी अतिथियों एवं विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि श्री राज्यपाल महोदय को सेवा के दौरान कई अंलकरणों से नवाजा जा चुका है और ईमानदार छवि व अपनी डयूटी के लिए समर्पित रहने वाले आफिसर माने जाते हैं।
प्रो0 जोशी ने कहा कि माननीय कुलाधिपति महोदय जी का सशक्त एवं विकसित उत्तराखंड बनाने का विजन उनके हर निर्णय पर साफ प्रदर्शित होता है साथ ही प्रो0 जोशी ने स्वामी रामतीर्थ जी के जीवन पर संक्षिप्त उद््बोधन दिया तदोपरान्त प्रो0 जोशी ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कुलाधिपति/श्री राज्यपाल को आर्शीवचन हेतु आग्रह किया गया।
माननीय कुलाधिपति/श्री राज्यपाल ले0ज0 गुरमीत सिंह, पी0वी0एस0एम0, यू0वाई0एस0एम0, ए0वी0एस0एम0, वी0एस0एम0 (से0नि0) ने आग्रह स्वीकार करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखण्ड, ऋषि-मुनियों, साधु-संतों और महान विचारकों की पवित्र भूमि है। यह देवभूमि ऐसे महापुरुषों की तपःस्थली भी है, जिन्होंने भारतीय सभ्यता, संस्कृति, अध्यात्म, चिंतन, ज्ञान, विज्ञान और वैचारिक विद्या का प्रसार किया है। उन्होंने कहा कि स्वामी रामतीर्थ भी उसी महान संत परम्परा के महापुरुष हैं जिन्होंने उत्तराखण्ड की इस भूमि से भारतीय वेदान्त दर्शन के चिन्तन के साथ विश्व का मार्ग प्रशस्त किया है। राज्यपाल ने कहा कि आज युवाओं को ऐसे महापुरुष के विचार दर्शन और आदर्शों पर चलकर उनसे सीख लेने की जरूरत है। माननीय कुलाधिपति/श्री राज्यपाल ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने शांति और अध्यात्म का मार्ग दिखाया है इसी विचार और धारणा के अनुरूप स्वामी रामतीर्थ जी ने भी समाज में वेदान्त दर्शन के महान आदर्शों के साथ राष्ट्र प्रेम और अध्यात्म की अलख जगाई। उन्होंने कहा कि आज, विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत और विश्व गुरु भारत के संकल्प की पूर्ति ऐसे महापुरुषों के तप के कारण ही सिद्ध हो रही है। हमारा देश आज चारों दिशाओं में प्रगति की ओर अग्रसर है, तो इसका श्रेय हमारे महान राष्ट्र आदर्श महापुरुषों को जाता है। उन्होंने कहा की आज भारत हजार सालों की गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है। हमने संकल्प लिया है कि हम गुलामी की हर एक मानसिकता से बाहर निकलेंगे। पिछली सदी में हमारे पूर्वजों ने प्रत्यक्ष गुलामी से मुक्ति के लिए संघर्ष किया था और आज की हमारी पीढ़ी का कर्तव्य है कि समाज को हजार सालों से चली आ रही मानसिक गुलामी से बाहर निकालें।
कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुडें अतिविशिष्ट अतिथि एवं उत्तराखंड राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ0 धन सिंह रावत ने वेदांत एवं चितंन पर पर अपनी बात रखी। गुरू अष्टकम स्तोत्र गान एवं गुरू के महत्व पर प्रकाश डालते हुए स्वामी रामतीर्थ फाउंडेशन की सदस्या द्वारा शानदार प्रस्तुती दी गयी। अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त देव संस्कृति विश्वविद्यालय के सम्मानित प्रतिकुलपति डाॅ0 चिन्मय पंडया जी ने आध्यात्मिक इतिहास में सुविख्यात गणितज्ञ संन्यासी स्वामी रामतीर्थ जी के वेदांत उनके कठोर परीश्रम, तपस्या, साधना, ईश्वरीय प्रेम, भक्ति, वैराग्य का भाग इस सभी से कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों को रूबरू कराया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि टिहरी विधान सभा के सम्मानित विधायक श्री किशोर उपाध्याय जी द्वारा स्वामी रामतीर्थ के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों को कहा कि अपना लक्ष्य निर्धारित करें ताकि आप शिखर तक पहुच सकें।
कार्यक्रम में उपस्थित मेधावी छात्र-छात्राओं को उनके सराहनीय कार्य हेतु विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एन0के0 जोशी व गणमान्य अतिथियों द्वारा मेडल से सम्मानित किया गया साथ ही कुलपति प्रो0 एन0के0 जोशी द्वारा उपस्थित अतिथियों को स्मृृति चिन्ह भेंट प्रदान किये गये।
अन्त में कुलसचिव श्री खेमराज भटट् द्वारा सभी गणमान्य व्यक्तियों एवं आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम का समापन किया गया।