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शोध ऐसा हो जो समाज के लिए लाभदायक हो, शोध ऐसा ना हो जो पन्नों में दबा रहे : प्रो एन. के. जोशी

शोध ऐसा हो जो समाज के लिए लाभदायक हो, शोध ऐसा ना हो जो पन्नों में दबा रहे : प्रो एन. के. जोशी
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ऋषिकेश 14 दिसम्बर। उत्तराखंड राज्य विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) देहरादून व विकास एवं अनुसंधान प्रकोष्ठ श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के तत्वावधान में पंडित ललित मोहन परिसर ऋषिकेश में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । यह कार्यशाला Research Methodology {अनुसंधान क्रियाविधि} विषय पर आयोजित हुई।
इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के मा कुलपति प्रो एन के जोशी ने शिरकत की उन्होंने कहा कि शोध के शीर्षक का चयन को महत्वपूर्ण बताया उन्होंने इसकी महत्ता को शोधार्थियों से साझा की व बताया कि शोध का विषय बहुबिषयक होना चाहिए। उन्होंने यूसर्क का धन्यवाद ज्ञापन देते हुए भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम करने की अपेक्षा की।

उन्होंने शोधार्थियों से कहा कि शोध ऐसा होना चाहिए जिस से समाज खासकर हमारी उत्तराखण्ड की जनता के लिए रोजगारपरक व लाभदायक सिद्ध हो, ऐसा न हो कि शोध पन्नों में दबा रहे ।
कार्यशाला विशिष्ट अतिथि उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) देहरादून की निदेशक प्रो0 (डा0) अनीता रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा सतत् विकास के लक्ष्य को अपनाते हुये विभिन्न वैज्ञानिक कार्यक्रमो के अन्तर्गत प्रदेश के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये प्रेरित करना, एक्सपीरियन्स लर्निंग एबिलिटी को बढ़ाने, उपलब्ध शोध संसाधनों को प्रयोगात्मक माध्यम से सभी को सुलभ बनाने, एक्सपिरियन्स लर्निंग के साथ-साथ इन्क्लूसिव एण्ड क्वालिटी एजूकेशन को बढ़ाने के उद्देश्य के साथ आज यूसर्क द्वारा शोध छात्र- छात्राओं को स्तरीय शोध को बढ़ावा देने हेतु रिसर्च मेथाडोलॉजी पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है ।

प्रो0 अनीता रावत ने कहा कि इसी के साथ यूसर्क द्वारा प्रदेश भर के छात्र-छात्राओं हेतु कौशल विकास एवं स्वरोजगार हेतु उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने प्रतिभागियों को इस रिसर्च मेथाडोलॉजी पर की जा रही तीन दिवसीय कार्यशाला को बड़ी गंभीरता से लेने का आवाहन किया।
श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के निदेशक व कार्यक्रम के संयोजक समन्वयक प्रोफेसर गुलशन कुमार ढींगरा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया हुआ व माननीय कुलपति की दूरदर्शिता का आभार व्यक्त किया व विशेष रूप से यूसर्क की निदेशक व उनकी टीम का इस प्रकार के प्रोग्राम के लिए धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम में यूसर्क वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश नौटियाल ने कहा कि छात्रों को उच्च स्तरीय गुणवत्तापूर्ण शोध एवम उसके अनुप्रयोगों द्वारा समाज के उन्नयन हेतु कार्य करना होगा। उन्होंने कई उदाहरणों के माध्यम से प्रतिभागियों को समझाया कि यह आवश्यक नहीं विशिष्ट समस्या का समाधान बहुत कठिन या क्लिष्ट हो, बल्कि यदि हम अपने मस्तिष्क को खुला रखकर शोध करें तो हो सकता है कि उसका समाधान सहज ही मिल जाए। उन्होंने यूजर द्वारा चलायेजा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की भी चर्चा की तथा प्रतिभागियों का आवाहन किया कि वे यूसर्क द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का लाभ उठाएं। डा. नौटियाल ने यूसर्क व श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय कैंपस ऋषिकेश द्वारा आयोजित इस तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभागियों को विभिन्न क्षेत्र के लब्धि प्रतिष्ठित विशेषज्ञों द्वारा दिए जाने वाले ज्ञान को अपने शोध में समाहित करने का भी आवाहन किया
कार्यशाला के प्रथम तकनीकी सत्र में आई.आई.टी. रुड़की के प्रोफेसर रजत अग्रवाल ने कहा कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए नव परिवर्तन महत्वपूर्ण कुंजी है उन्होंने शोधार्थियों को शोध पत्र लेखन की अनेकों विधियां बताइ व उसकी बारीकियों पर ज्ञान साझा किया
कार्यशाला के मुख्य वक्ता हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अजय सेमल्टी ने सभी प्रतिभागियों से मानसिक एवं शारीरिक रूप से इस कार्यशाला का लाभ लेने के लिए अपील की, उन्होंने शोध में नवाचार व सामाजिक विषयों पर कार्य करने व सामान्य से विशिष्ट बनाने पर प्रकाश डाला ।
कार्यशाला के अंतिम वक्ता हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के डॉ लोकेश अधिकारी ने शोधार्थियों से साहित्य समीक्षा के लिए डेटाबेस तक पहुँचने का व्यावहारिक दृष्टिकोण पर प्रशिक्षण दिया व विस्तृत चर्चा की ।

अंत में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के अनुसंधान एवं अध्ययन के निदेशक प्रो. अहमद परवेज ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया एवं विशेष रूप से यूसर्क का धन्यवाद ज्ञापन किया व उन्होंने शोधार्थियों से इस कार्यशाला से पूर्ण लाभ लेने पर जोर दिया I
इस मौके पर विश्वविद्यालय परिषद ऋषिकेश के समस्त प्राध्यापक कर्मचारी उपस्थित रहे।


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Govind Pundir

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