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उत्तराखण्ड उपनल संविदा कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने की गेट मीटिंग

उत्तराखण्ड उपनल संविदा कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने की गेट मीटिंग
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टिहरी गढ़वाल 6 फरवरी। उत्तराखण्ड उपनल संविदा कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने आगामी 12 फरवरी से उपनल संयुक्त मोर्चे के बैनर तले होने वाले कार्यबहिष्कार / आन्दोलन के लिए विभिन्न विभागों के उपनल कर्मचारियों के साथ गेट मीटिंग की गयी ।

उत्तराखण्ड उपनल संविदा कर्मचारी संघ टिहरी के जिला अध्यक्ष श्री हरीश नेगी व समस्त उपनल कर्मचारियों द्वारा कहा गया कि सरकार द्वारा उपनल कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उपनल कर्मचारियों द्वारा बार-बार अपनी समस्याओं के निस्तारण हेतु शासन को पत्र भेजे गए हैं, जिनका निस्तारण तो दूर उन पर वार्ता करने के लिए भी उपनल के पदाधिकारियों को बुलाया तक नहीं । राज्य गठन के बाद उपनल कर्मचारियों ने अपने जीवन का अमूल्य समय अल्पवेतन में कार्य करते हुए 15 से 18 वर्ष कार्य करते हुए आज जब उनकी उम्र 40 से 45 वर्ष की हो गयी है तो सरकार को उनको नियमित रोजगार देने के बजाय उनको बिना किसी कारण बताये नौकरी से हटाया जा रहा है। यही नहीं जो कार्य कर भी रहे है उनको न तो समय पर वेतन दिया जा रहा है और न ही महंगाई के अनुरूप उनके वेतन में बढ़ोत्तरी की जा रही है। अक्टूबर 2021 से आज दो साल से अधिक समय हो गया है उपनल कर्मचारियों के वेतन में 1 रूपया भी बढ़ोत्तरी नहीं की गयी है ।

वहीं दूसरी तरफ राजकीय कर्मचारियों का सरकार द्वारा वर्ष अक्टूबर 2021 से आतिथि तक 18 से 22 फीसदी महंगाई तक भत्ता बढ़ा दिया गया है। आश्चर्य की बात तो यह है कि सरकार के पास उपनल कर्मचारियों को समय से वेतन देने व वेतन बढ़ोत्तरी के लिए तो पैसा नहीं है पर 15 से 18 वर्ष से कार्य कर रहे हम उपनल कर्मचारियों को नौकरी से हटाने के लिए मा० सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता की फीस प्रति सुनवाई 20 लाख देने को पैसा है। इन सभी स्थितियों के दृष्टिगत रखते हुए राज्य के समस्त उपनल कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है।

समस्त उपनल कर्मचारी चाहते है कि उपनल कर्मचारियों की समस्याओं पर वार्ता हो और उनका निस्तारण किया जाय। यदि सरकार द्वारा दिनांक 12 फरवरी 2024 से पूर्व उपनल कर्मचारियों की निम्न मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता तो उपनल कर्मचारी कार्यबहिष्कार / आन्दोलन को मजबूर होंगे।

ये है उपनल कर्मचारियों की मांग:-

  1. मा० सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन एलएलपी को वापस लिया जाय तथा मा०उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्णय को लागू किया जाय। जिसमें कहा है कि उपनल कर्मचारी की नियमावली बनाकर उन्हें नियमित किया जाए ।
  2. उपनल कर्मचारियों के वेतन में 40 प्रतिशत बढोत्तरी की जाय।
  3. उपनल कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाय।
  4. प्रोत्साहन दिए जाने हेतु वर्षवार निर्धारण 0 से 5 वर्ष, 5 से 10 वर्ष, तथा 10 से 15 वर्ष के अनुसार किया जाय।
  5. जिन कर्मचारियों को लगातार 5 वर्ष से अधिक का समय कार्य करते हुए हो गया है 5 उनके पद सृजित किए जाय।
  6. समान कार्य समान वेतन दिया जाए
  7. जिस तरह पंजाब हरियाणा व अन्य राज्यों में आउटसोर्स कर्मचारी कोनियमित किया गया है । उसको आधार बनाया जाए ।
  8. जब तक मामला कोर्ट में विचाराधीन है तब तक किसी भी कर्मचारी को प्रभावित न किया जाए ।

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Govind Pundir

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