वनाग्नि घटनाओं को लेकर विभाग चाक चौबंद- पुनीत तोमर डीएफओ
टिहरी गढ़वाल 15 फरवरी। प्रभागीय वनाधिकारी टिहरी पुनीत तोमर ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि विभाग आगामी फायर सीजन के लिए पूरी तरह से तैयार है, इसके लिए विभाग ने फायर लाइन भी मेंटेन कर दी है। साथ ही जनपद में वनाग्नि की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्रों की देखरेख को 180 क्रू स्टेशनों की स्थापना की गई है।
डीएफओ ने बताया कि इस बार वनाग्नि नियंत्रण के लिए अन्य सरकारी महकमों से समन्वय बनाने के साथ ही फायर वाचरों को नियुक्त किया जायेगा। वनाग्नि सुरक्षा के लिए विभाग ने 21.28 करोड़ का बजट अनुमोदित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बार पिछले साल की अपेक्षा मौसम ज्यादा खुश्क है बारिश कम हुई है, जिससे वनाग्नि की घटनायें बढ़ने की ज्यादा संभावनाएं हैं। इसलिए वनाग्नि सुरक्षा की तैयारियों को लेकर अभी से तेजी लाई गई है। साथ ही पंचायत स्तर पर वन पंचायत समितियां गठित कर दी गई हैं और समिति के साथ कर्मचारी भी मिलकर काम करेंगे ताकि जंगलों में लगने वाली आग पर काबू किया जा सके।
उन्होंने बताया कि वनाग्नि सुरक्षा को बढ़ाने के लिए हंस फाउंडेशन के साथ कार्यशाला भी आयोजित की जायेगी। इसके अलावा क्षेत्रों में रेंजरों के माध्यम से वन गोष्ठियां आयोजित कर वनाग्नि को लेकर आम लोगों को अवगत कराया गया है। ग्राम स्तर पर 250 से अधिक कमेटियां गठित की गई हैं।
उन्होंने बताया कि वनाग्नि काल 15 फरवरी से 15 जून तक रहता है, लेकिन अगर बारिश न हुई तो इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। फरवरी के अंत तक तक वनाग्नि नियत्रंण को कार्यवाही शुरू कर दी जायेगी। उन्होंने आमजन से अपील की है कि वनाग्नि घटना की सूचना तत्काल निकस्टथ वन अधिकारियों या आपदा प्रबंधन के कंट्रोल रूम को दें। आपदा प्रबंधन के कंट्रोल रूम से वनविभाग के व से समन्वय है। जिसकी सूचना वन विभाग को मिल जायेगी। फायर सीजन के चलते चिकित्सा विभाग को नोडल अधिकारी बनाया गया है।