देहरादून में बाल साहित्य पर महत्वपूर्ण कार्यशाला आयोजित
देहरादून 3 अगस्त 2034। उत्तराखण्ड में बाल साहित्य पर आधारित एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र, देहरादून में “उत्तराखण्ड में बाल साहित्य: विविध परिप्रेक्ष्य” विषय पर किया गया। यह कार्यक्रम रूम टू रीड और यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के सहयोग से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत रूम टू रीड की मुखिया पुष्प लता रावत द्वारा संस्था के उद्देश्यों और कार्यों के बारे में जानकारी देने से हुई। उन्होंने दून पुस्तकालय को बाल साहित्य की किताबें भेंट कीं। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, पूर्व उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. सविता मोहन ने उत्तराखण्ड के बाल साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
दून पुस्तकालय के प्रमुख जे.बी. गोयल ने सार्वजनिक पुस्तकालयों में बाल साहित्य की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की और इसके सुधार के लिए प्रयासों पर बल दिया। आकाशवाणी से पधारे डॉ. अनिल भारती ने श्रव्य-दृश्य माध्यमों में बाल साहित्य की दशा और दिशा पर विचार व्यक्त किए।
समय साक्ष्य प्रकाशन के प्रमुख प्रवीण भट्ट ने बाल साहित्य के प्रकाशन से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित किया। डॉ. नन्न किशोर हटवाल ने उत्तराखण्ड की स्थानीय भाषाओं में बाल साहित्य की स्थिति पर जानकारी दी।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार मुकेश भट्ट ने किया। इस मौके पर शैलेश मटियानी पुरस्कार से सम्मानित शिक्षाविद् और साहित्यकार डॉ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी की दो बाल साहित्य की पुस्तकों “रंग बिरंगी बाल कहानियां” और “मन लुभाती बाल पहेलियां” का विमोचन भी किया गया।
इस कार्यशाला में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के पूर्व प्राचार्य राकेश जुगराण, चन्द्र शेखर तिवारी, शशि भूषण बडोनी, डॉ. सत्यनन्द बडोनी, डॉ. कुसुमलता नैथानी, रमाकांत बेंजवाल, बीना बेंजवाल, कल्पना बहुगुणा, गजेन्द्र नौटियाल सहित अनेक साहित्यकारों की उपस्थिति रही। सभी वक्ताओं ने उत्तराखण्ड में बाल साहित्य की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे सुधारने के लिए सकारात्मक प्रयास करने पर जोर दिया।