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आनन्द बल्लभ जोशी समेत पांच विभूतियों को दिया गया बिहारी लाल स्मृति सर्वोदय सम्मान

आनन्द बल्लभ जोशी समेत पांच विभूतियों को दिया गया बिहारी लाल स्मृति सर्वोदय सम्मान
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बूढाकेदार लोकज़ीवन विकास भारती मैं हुआ कार्यक्रम का आयोजन

टिहरी गढ़वाल 9 नवम्बर 2024। समाजसेवी और शिक्षाविद् स्व० बिहारी लाल जी की जयंती पर तीसरा “बिहारी लाल स्मृति सर्वोदय सम्मान” आनंद बल्लभ जोशी समेत पाँच लोगों को दिया गया।
इस कार्यक्रम में नई तालीम और आपदा जैसे विषयों पर चर्चा हुई है। इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० मोहन सिंह पंवार ने कहा कि बिहारी लाल कोई व्यक्ति नहीं वह एक विचार थे। वे कर्म और रचना पर विश्वास करते थे। यही वजह रही कि उन्होंने ऊर्जा का विकल्प प्रस्तुत किया है। जिससे बड़े बांधों पर सवाल खड़े भी हुए। शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वरोजगार के लिए उन्होंने कुटीर उद्योग की स्थापना की।
उन्होंने कहा कि श्री बिहारी लाल के कार्य को भविष्य में” ग्रामीण विश्वविद्यालय” के रूप में प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। कहा कि मौजूदा समय में बिहारीलाल जी द्वारा स्थापित संस्था आपदा से बुरी तरह प्रभावित है। इसके पुनर्निर्माण के लिए सरकारी सहयोग की आवश्यकता है। समारोह में क्षेत्र के अनेकों सामाजिक कार्यकर्ता, महिलाओं. नौजवानों ने भाग लिया।
बिहारी लाल जी 2021 में निधान हों गया था।जिसके बाद उनके सामाजिक कार्यों और उनके विचार को आगे बढ़ाने के लिए हर वर्ष उनकी स्मृति में कार्यक्रम आयोजित कियया जाता है।
यह कार्यक्रम बूढ़ा केदार में स्थित लोक जीवन विकास भारती में आयोजित किया गया है। जहां पर बिहारी लाल जी ने 40 वर्ष से अधिक समय तक जन सेवा का प्रेरणादायक काम किया। जिसे लोग आज जगह-जगह याद करते हैं। इस अवसर पर बिहारी लाल स्मृति सर्वोदय सम्मान- 2024 में सम्मानित हुए विभूतियों में समाजसेवी आनंद बल्लभ जोशी एवं प्रेमा बहन को पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि पर्यावरण एवं ग्रामीण तकनीकी विकास व स्वावलंबन के लिए, प्रेम पंचोली को पर्यावरण, पत्रकारिता,लक्ष्मी बिष्ट को महिला समानता और बाल शिक्षा के लिए, केशर सिंह रावत को नशामुक्ति और महावीर को शिक्षा के लिए सम्मान दिया गया।
सम्मान समारोह में ठक्करबापा छात्रावास के मंत्री व वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप बहुगुणा ने कहा कि बूढ़ाकेदार क्षेत्र के धर्मानंद नौटियाल, बहादुर सिंह राणा, भरपूरू नगवान ने संयुक्त परिवार स्थापित कार सामाजिक समरसता के लिए अहम योगदान दिया।इन्हीके सहयोग से मेरे पिताजी सुंदरलाल बहुगुणा ने दलित समाज को मंदिर मे प्रवेश करवाया और उसके लिए उन्होंने प्रताड़ना भी झेली है। जो आज देशभर में एक उदाहरण बन गया है। यही कार्य बिहारी लाल जी ने अपने रचनात्मक कार्यों के द्वारा आगे बढ़ाया है।कार्यक्रम में पर्यावरणविद् सुरेश भाई ने आचार्य बिहारी लाल जी के जीवन पर उनके द्वारा लिखे गए विषय पर विचार व्यक्त किए है। लोक जीवन विकास भारती संस्था के मंत्री और आचार्य बिहारी लाल जी के सुपुत्र जयशंकर ने सभी का स्वागत किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहारी लाल स्मृति समिति के अध्यक्ष बावन सिंह बिष्ट ने की। इस अवसर पर डा० अरविंद दरमोडा, प्रधानाचार्य जयप्रकाश कोटियाल, समाज सेवी नागेन्द्र दत्त, शिक्षक जयप्रकाश कृथ्वाल, अधिवक्ता लोकेंद्र दत्त जोशी, गोविंद सिंह रावत, आनंद व्यास, कुंवर सिंह रावत, उत्तम लाल, भूपेंद्र सिंह नेगी, प्रेमलाल त्रिकोटिया, विमला देवी, सुशीला देवी, अनिता देवी, विष्णु प्रसाद, किशोरीलाल, महेंद्र प्रसाद नाथ, मयंक नाथ, दयाराम सम्मिलित हुए।


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Govind Pundir

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