मानव-वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण पर जन संवाद आयोजित
नई टिहरी, 16 नवंबर 2024 । शनिवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार, नई टिहरी में मानव-वन्यजीव संघर्ष न्यूनीकरण कार्यशाला के अंतर्गत एक जन संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय और जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में गुलदार, सुअर, बंदर, भालू, सांप, ततैया और अन्य जंगली जीवों द्वारा मानव और कृषि को हो रहे नुकसान के मुद्दों पर चर्चा की।
जनप्रतिनिधियों ने ततैया के काटने से बढ़ रही मृत्यु दर को गम्भीरता से लेने और एक क्षेत्र से पकड़े गए बंदरों को दूसरे क्षेत्र में छोड़े जाने की समस्या पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने बंदरों के बधियाकरण की मांग की और लावारिस पशुओं से हो रहे नुकसान की भरपाई और मानव सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि किसी भी घटना में मानव सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने बताया कि जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए जिला योजना से 10 करोड़ रुपये की राशि केवल घेरबाड़ के लिए स्वीकृत की गई है। हालांकि, यह राशि सभी क्षेत्रों को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि पंचायत स्तर पर योजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षात्मक कार्यों की ओर मोड़ा जाए। मनरेगा से घेरबाड़ के कार्यों में आ रही दिक्कतों का शीघ्र समाधान किया जाएगा।
डीएफओ टिहरी पुनीत तोमर ने बताया कि तेंदुए से सुरक्षा के लिए घरों के आसपास की झाड़ियों का कटान अनिवार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि बंदरों को खाना देने से वे मानव बस्तियों में आते हैं, इसलिए इस आदत से बचना चाहिए। डीएफओ नरेंद्रनगर जीवन दगाड़े ने ततैया और भालू के हमलों को रोकने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी।
विधायक की अपील
कार्यक्रम में विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि वन्यजीवों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। उन्होंने नगर पालिका और जिला पंचायत से कूड़ा फेंकने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही वन विभाग को पेड़ों की कटाई से संबंधित स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने को कहा।
इस अवसर पर लोनिवि के अधीक्षण अभियंता मनोज बिष्ट, एसडीओ रश्मि ध्यानी और राखी जुयाल, तथा जनप्रतिनिधि अजपाल पंवार, विनोद रतूड़ी, जगदंबा रतूड़ी, उदय रावत, राजेंद्र डोभाल और विजय कठैत समेत अनेक विभागीय अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने पर सहमति जताई गई।