कंडियाल गांव में रोजमैरी की नर्सरी और ग्रामीण उद्यम को मिला बढ़ावा
स्वयं सहायता समूह ने लगभग 50 नाली भूमि में रोजमैरी की खेती की है। नर्सरी में अब तक लगभग 6,000 पौधे तैयार किए जा चुके हैं, जिनमें से 4,000 पौधों को ग्राम पंचायत सेम्या को विक्रय किया गया है। समूह द्वारा व्यक्तिगत उद्यम के तहत संचालित एक ढाबा भी प्रभावी रूप से चलाया जा रहा है, जिसमें ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के तहत 75,000 रुपये की सहयोग धनराशि प्रदान की गई थी।
मुख्य विकास अधिकारी डॉ. त्रिपाठी ने समूह द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और उनकी आय में वृद्धि के लिए और सुधार के सुझाव दिए। उन्होंने खंड विकास अधिकारी, जाखणीधार को निर्देश दिया कि इस प्रकार के उद्यमों को प्रोत्साहन देकर ग्रामीणों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करें। साथ ही विभागीय योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने के निर्देश भी दिए।
निरीक्षण के दौरान परियोजना निदेशक (डीआरडीए) पुष्पेंद्र सिंह चौहान, खंड विकास अधिकारी जाखणीधार और भिलंगना सहित अन्य क्षेत्रीय कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
इस पहल से गांव में स्वरोजगार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे।