प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता की दिशा में हो कार्य: डॉ धन सिंह रावत
देहरादून, 26 नवंबर 2024। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर प्रदेश में ठोस रणनीति तैयार की जाएगी, जिससे 2030 तक राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वायत्त बनाया जा सके। इस उद्देश्य को साकार करने के लिए राज्य में शीघ्र ही राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित होगी। बैठक में यह भी तय किया गया कि प्रदेश के समस्त छात्र-छात्राओं के आयुष्मान कार्ड और आभा आईडी अनिवार्य रूप से बनाए जाएंगे।
दून विश्वविद्यालय में आयोजित इस उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने की। बैठक में राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, विभागीय अधिकारियों और निजी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मंत्री ने एनईपी के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नेतृत्व क्षमता को मजबूत करने और संसाधनों के परस्पर आदान-प्रदान पर बल दिया।
डॉ. रावत ने कहा कि शिक्षकों और संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हाल ही में शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए इनफोसिस भेजा गया था, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। राज्य सरकार उच्च शिक्षा के गुणात्मक विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, जिसमें नैक प्रत्यायन को बढ़ावा देना भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि “हब एंड स्पोक” मॉडल के तहत अन्य संस्थानों का विकास किया जाएगा, ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित हो सके। साथ ही, 40% पाठ्यक्रम की ऑनलाइन पढ़ाई अनिवार्य होगी। पूर्व छात्रों को एक पोर्टल के माध्यम से जोड़े जाने का भी निर्देश दिया गया।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नेशनल समिट फॉर इंस्टीट्यूशनल लीडर्स (NSIL)-2025 का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपति भाग लेंगे। यह आयोजन उच्च शिक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
बैठक में प्रमुख रूप से दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.के. जोशी, संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश शास्त्री, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. जसोला, उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. अंजू अग्रवाल, रूसा सलाहकार प्रो. एम.एस.एम. रावत, और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
इस बैठक से प्रदेश में उच्च शिक्षा क्षेत्र को नई दिशा और ऊंचाई प्रदान करने की उम्मीद है।