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ज्योतिष महाकुंभ में मुख्यमंत्री धामी ने किया ज्योतिषाचार्यों का सम्मान

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देहरादून। देहरादून में आयोजित ‘ज्योतिष महाकुंभ’ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देशभर से आए प्रतिष्ठित ज्योतिषाचार्यों को संबोधित करते हुए ज्योतिष शास्त्र के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह प्राचीन विज्ञान भारतीय संस्कृति और परंपराओं का अभिन्न हिस्सा है, जिसे वेदों के नेत्र की संज्ञा दी गई है। ज्योतिष शास्त्र भौतिक, आध्यात्मिक और दैविक विचारों का समन्वय है, जो मानव जीवन को सही दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्योतिष केवल भविष्यवाणी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और संतुलन स्थापित करने का महत्वपूर्ण साधन है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार ज्योतिष शास्त्र के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से राज्य में ‘उत्तराखंड ज्योतिष परिषद’ का गठन किया गया है, जो नई पीढ़ी को इस प्राचीन विज्ञान के अध्ययन और अनुसंधान में मदद कर रही है। यह परिषद न केवल भारतीय परंपराओं को सहेजने का कार्य कर रही है, बल्कि ज्योतिष शास्त्र को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़ने के प्रयास भी कर रही है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों से आए ज्योतिषाचार्यों का सम्मान करते हुए उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि ज्योतिषाचार्य समाज को नई दृष्टि और मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं, जो समाज के संतुलित विकास में सहायक है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस तरह के आयोजन भविष्य में भी होते रहेंगे, जिससे प्राचीन भारतीय ज्ञान को बढ़ावा मिलेगा और इसे विश्व स्तर पर पहचान दिलाई जा सकेगी।

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित गणमान्य लोगों ने भी ज्योतिष शास्त्र के महत्व और इसके सामाजिक योगदान पर अपने विचार साझा किए। ज्योतिषाचार्यों ने अपने अनुभवों और शोध के आधार पर बताया कि यह विद्या कैसे जीवन के जटिल मुद्दों को हल करने में सहायक है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ज्योतिष को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी दी और इसे आधुनिक युग के अनुरूप बनाने का आह्वान किया।


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