श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया गया 76वाँँ गणतंत्र दिवस

श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया गया 76वाँँ गणतंत्र दिवस
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विश्व की प्राचीनतम सभ्यता को संरक्षित रखना सबका कर्तव्य -प्रो0 एन0के0 जोशी

टिहरी गढ़वाल। श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में 76 वां गणतंत्र दिवस बडे़ धूमधाम से मनाया गया। विश्वविद्यालय मुख्यालय में अवस्थित शौर्य दीवार पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए विश्वविद्यालय प्रागंण में कुलपति प्रो0 एन0के0 जोशी द्वारा ध्वजारोहण किया गया। विश्वविद्यालय के कार्मिकों व अधिकारियों को संबोधित करते हुये प्रो0 जोशी ने कहा कि भारत की सभ्यता सबसे प्राचीनतम है तथा इस सभ्यता को संरक्षित करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। हमारे शास्त्रों तथा वेदों में ज्ञान के साथ विज्ञान भी समाहित है। आधुनिक विज्ञान की प्रगति का मूल आधार हमारे ग्रन्थ तथा हमारे वेद हैं जिनके माध्यम से विश्व में नई प्रौद्योगिकी का विकास सम्भव हो सका है। देश के शहीदों को याद करते हुए उन्होने कहा कि शहीदों के बलिदान से आज हम अपने देश में अपने अधिकारों का उपयोग कर सकते हैं। संविधान निर्माताओं को याद करते हुए प्रो0 जोशी ने कहा कि भारतीय संविधान भारत के प्रत्येक नागरिक को मूल अधिकार प्रदान करता है। विश्वविद्यालय प्रांगण में एकत्रित विश्वविद्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए उन्होने कहा कि भारत सरकार व राज्य सरकार की योजनाओं के अनुरूप कार्य करते हुए विकसित भारत की पहल के अनुरूप विश्वविद्यालय के सभी कार्मिकों व अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से करना चाहिए। उन्होने कहा कि 26 जनवरी बस एक तारीख नहीं बल्कि हमारे देश की लोकतांत्रिक शक्ति, एकता और संविधान की महिमा का प्रतीक है। उन्होने बताया कि भारतीय सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता है, चारों वेदों का संक्षिप्त विवरण देते हुए प्रो0 जोशी ने यजुर्वेद में शून्य की अवधारणा से सभी को अवगत कराया। उन्होने कहा कि भारतीय शैक्षणिक संस्थानों की वैश्विक रैंकिंग सुधर रही है। इतना ही नहीं वर्ष 2047 तक भारत तकनीक के क्षेत्र की दुनिया का एक बड़ा केंद्र बन सकता है। सरकार की विकसित भारत@2047 पहल का लक्ष्य 2047 में अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है जिसमें हम सभी को अपना अपना पूर्ण समर्पण व योगदान देना है, साथ ही छात्र-छात्राओं, कार्मिकों एवं अधिकारियों से कहा कि अमर शहीदों के बलिदान से लोकतांत्रिक राष्ट्र का निर्माण हुआ है कर्तव्यनिष्ठा के साथ राष्ट्र की सेवा करना ही शहीदों को सच्ची श्रद्धाजंलि होगी।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री दिनेश चन्द्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय की प्रगति के लिये ईमानदारी से प्रयास किया जाना सभी कार्मिकों का दायित्व है। शहीदों व संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होने कहा कि संगठित रहकर एवं कठिन परिश्रम से न केवल विश्वविद्यालय के बल्कि राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में भी नये आयाम स्थपित किये जा सकते हैं। उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0एन0के0 जोशी के कुशल निर्देशन में श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय प्रदेश का अग्रणी विश्वविद्यालय बनने के ओर अग्रसर है। उन्होने बताया कि विश्वविद्यालय में छात्र व स्टाॅफ के चहमुखी विकास के लिये आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। विश्वविद्यालय में आधारभूत ढांचे को म जबूत किया जा रहा है, जिसके तहत आकादमिक तथा प्रशासनिक भवनों का निर्माण तथा अन्य निर्माण कार्य किये जा रहे हैं। फैकल्टी तथा स्टाॅफ डेवलपमेंट सेन्टर का निर्माण किया जा रहा है, विश्वविद्यालय में सेन्टर फाॅर एक्सीलेंस का निर्माण किया गया है। नये-नये रोजगार पर पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं, भविष्य में छात्र विकास के लिये वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप प्रोग्राम तैयार किये जायेंगे।
इस अवसर पर सहायक परीक्षा नियंत्रक डाॅ0 हेमन्त बिष्ट, डाॅ0 बी0एल0आर्य, प्र0 निजी सचिव वरूण डोभाल, कुलदीप सिंह, जितेन्द्र रावत, मनोज, राहुल, दीपक, विनोद, व समस्त कर्मचारी के साथ-साथ बी0सी0ए0 फैकल्टी गण उपस्थित रहे।


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Govind Pundir

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