चैनलिंग फेंसिग से कृषकों की लगभग 10 नाली कृषि भूमि हुई आबाद

चैनलिंग फेंसिग से कृषकों की लगभग 10 नाली कृषि भूमि हुई आबाद
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टिहरी गढ़वाल 1 फ़रवरी। कृषि विभाग द्वारा विकासखण्ड चम्बा के ग्राम पंचायत पयालगांव के राजस्व ग्राम बंडरिया में जंगली जानवरों/स्थानीय निराश्रित पशुओं से फसल सुरक्षा हेतु वर्ष 2024-25 में जिला योजना के अन्तर्गत प्राप्त प्रस्ताव पर धनराशि रूपये 05 लाख की लागत से 207.50 मी. लम्बाई की चैनलिंग फेंसिग का निर्माण कार्य कराया गया। इससे कृषकों द्वारा खेती में किनारे की खेती में करीब 10 नाली कृषि भूमि आबाद कर ली गई है। स्थानीय कृषको ने विभागीय परियोजना निर्माण कार्य के प्रति खुशी जाहिर करते हुए कहा कि शेष खेती पर भी चैनलिंक फेंसिग का निर्माण कार्य हो जाये तो कृषकों को काफी लाभ होगा।

उक्त आशय की जानकारी देते हुए मुख्य कृषि अधिकारी टिहरी विजय देवराड़ी ने बताया कि ग्राम बंडरिया में लगभग 20.0 हेक्टर सिंचित कृषि भूमि है, जिसमें कि स्थानीय कृषक धान, उर्द, मक्का, तिल, गेंहू, सरसों आदि फसलों का सिंचाई के साधन होने के कारण अच्छा उत्पादन लेते थे। किन्तु पिछले कई वर्षो से अच्छी फसल होने के बाबजूद जंगली जानवरों/स्थानीय निराश्रित पशुओं से फसलों को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाया जा रहा था। जिस कारण कृषकों को कड़ी मेहनत के बाद भी निराशा ही मिलती थी। फलस्वरूप फसलोत्पादन मे भारी गिरावट के कारण कृषक काफी निराश हो गये थे। इस समस्या के चलते किनारे-किनारे के सारे खेत पिछले कई वर्षो से बंजर पड़ गये थे।

उन्होंने बताया कि जंगली जानवरों/स्थानीय निराश्रित पशुओं से फसलों की सुरक्षा की गई चैनलिंग फेंसिग के कारण अब ग्राम बंडरिया के स्थानीय कृषक आबाद कृषि भूमि के अलावा वर्षों से बंजर पड़ी भूमि पर भी फसल उत्पादन कर रहे हैं, जिस कारण उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। इससे स्थानीय कृषकों की आय में बढ़ोत्तरी होने से भविष्य में कृषकों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा एवं क्षेत्र के बेरोजगार नवयुवक कृषि कार्याें में रूचि लेगें।


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Govind Pundir

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