अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कैंसर अनुसंधान और उपचार पर विशेषज्ञों ने साझा किए विचार

ऋषिकेश 20 फरवरी। पंडित ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर, ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग, एम्स ऋषिकेश और कैंसर केयर एंड रिसर्च अकैडमी (CRCA) के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। सम्मेलन का विषय “इंटीग्रेटिव ऑंकोलॉजी और सिस्टम मेडिसिंस: इमर्जिंग ट्रेंड्स एंड थैरेपीयूटिक पोटेंशियल” रहा, जिसमें देश-विदेश के 50 से अधिक कैंसर विशेषज्ञों ने भाग लिया।
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा उन्नयन समिति के उपाध्यक्ष प्रो. देवेंद्र भसीन रहे, जबकि विशिष्ट अतिथियों में श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन.के. जोशी, एम्स ऋषिकेश की निदेशक प्रो. मीनू सिंह, डीन रिसर्च प्रो. शैलेन्द्र एस. हांडू, विश्वविद्यालय परिसर के निदेशक प्रो. एम.एस. रावत, कुलसचिव श्री दिनेश चंद्र, आयोजक प्रो. गुलशन कुमार धींगरा, एम्स के बायोकेमेस्ट्री विभागाध्यक्ष प्रो. अनीसा आतिफ मिर्जा, CRCA के निदेशक एवं जेएनयू के प्रो. राणा प्रताप सिंह उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर सम्मेलन की शुरुआत की।
मुख्य अतिथि प्रो. देवेंद्र भसीन ने आयोजकों को बधाई देते हुए कैंसर जागरूकता और अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया। कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने कहा कि यह सम्मेलन छात्रों, शोधार्थियों और शिक्षकों को नए शोध अवसर प्रदान करेगा। एम्स ऋषिकेश की निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कैंसर उपचार में आयुर्वेदिक और आधुनिक चिकित्सा तकनीकों के एकीकृत उपयोग पर जोर दिया। प्रो. राणा प्रताप सिंह ने स्वास्थ्य प्रबंधन को विकसित भारत 2024 के दृष्टिकोण से जोड़ते हुए औषधीय पौधों पर अनुसंधान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
सम्मेलन के पहले तकनीकी सत्र में प्रो. रेमंड बी. ब्रिज (यूएसए) ने कैंसर में प्रतिरक्षा विनियमन, प्रो. जैरी चिपुक (आईकॉन स्कूल ऑफ मेडिसिन) ने एटीएफ5-आश्रित माइटोकॉन्ड्रियल प्रतिक्रियाओं, प्रो. राजेश अग्रवाल (कोलोराडो डेनवर) ने बेसल सेल कार्सिनोमा की प्रगति पर व्याख्यान दिया। तीसरे सत्र में प्रो. सी.वी. राव (ओक्लाहोमा कैंसर सेंटर) ने मोटापे से जुड़े कोलोरेक्टल कैंसर की रोकथाम, प्रो. संजय मल्होत्रा (ओरेगन हेल्थ एंड साइंस सेंटर) ने ओवेरियन कैंसर के उपचार और प्रो. राकेश के. त्यागी (जेएनयू) ने जीन अभिव्यक्ति विनियमन पर जानकारी दी।
चौथे सत्र में प्रो. अशोक कुमार (ह्यूस्टन विश्वविद्यालय) ने कैंसर कैचेक्सिया में कंकाल की मांसपेशियों के नियमन, प्रो. रूपेश चतुर्वेदी (जेएनयू) ने टी-हेल्पर कोशिकाओं के वर्गीकरण और प्रो. सुजित बसु (ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी) ने कोलन कैंसर में न्यूरोहॉर्मोन डोपामाइन की भूमिका पर चर्चा की। प्रो. प्रभु दास पटेल (अहमदाबाद) ने मुख कैंसर के आनुवंशिक परिदृश्य पर व्याख्यान दिया।
अंतिम सत्र में प्रो. कमल रैना (साउथ डकोटा स्टेट यूनिवर्सिटी) ने स्तन कैंसर में प्राकृतिक औषधियों की भूमिका, प्रो. शरद मिश्रा (डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय) ने आर्सेनिक प्रदूषण और कैंसर के संबंध पर, और प्रो. आलोक चंद्र भारती (दिल्ली विश्वविद्यालय) ने कैंसर स्टेम कोशिकाओं पर अपनी बात रखी।
तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता प्रो. गुलशन कुमार धींगरा, प्रो. अनीसा आतिफ, प्रो. अजय सिंह (उत्तरांचल यूनिवर्सिटी), डॉ. गगन माटा (गुरुकुल कांगड़ी), प्रो. डी.सी. गोस्वामी (श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय) और अन्य विशेषज्ञों ने की। समापन सत्र में मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। सभी आमंत्रित वक्ताओं को स्मृति चिह्न भेंट किए गए। आयोजन सचिव डॉ. बिंदु देवी और डॉ. बेला गोयल ने बताया कि सम्मेलन का दूसरा दिन एम्स ऋषिकेश में होगा, जहां विभिन्न विशेषज्ञ अपने अनुसंधान कार्य साझा करेंगे।