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राजकीय महाविद्यालय खाड़ी में ‘नमामि गंगे’ अभियान के तहत दो दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन

राजकीय महाविद्यालय खाड़ी में ‘नमामि गंगे’ अभियान के तहत दो दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन
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टिहरी गढ़वाल 25 मार्च 2025 । राजकीय महाविद्यालय खाड़ी में प्राचार्य प्रो. अरुण कुमार सिंह के निर्देशन और नोडल अधिकारी डॉ. मीनाक्षी के नेतृत्व में ‘नमामि गंगे’ अभियान के तहत दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. आनंद सिंह उनियाल ने किया।

कार्यक्रम में आईएफएस जीवन मोहन दगडे, सेवानिवृत्त डीएसपी गणेश कोहली, डॉ. योगिशा (राजकीय महाविद्यालय गुप्तकाशी), सामाजिक कार्यकर्ता श्री विजय जड़धारी, राजकीय इंटर कॉलेज खाड़ी के प्रधानाचार्य श्री त्रिवेदी, और सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य श्री कृष्ण सिंह रावत ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया।

सभी अतिथियों ने गंगा, उसकी सहायक नदियों, स्थानीय गदेरों और जल स्रोतों की स्वच्छता और संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने छात्रों से इन प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। प्रो. आनंद सिंह उनियाल ने युवाओं से व्यक्तिगत स्तर पर स्वच्छता को जीवन का हिस्सा बनाने और प्लास्टिक का उपयोग कम करने की अपील की। आईएफएस जीवन मोहन दगडे ने जल संरक्षण के वैज्ञानिक पक्ष पर प्रकाश डाला, जबकि सामाजिक कार्यकर्ता विजय जड़धारी ने स्थानीय जल स्रोतों की रक्षा और ग्रामीण समुदायों को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्राचार्य प्रो. अरुण कुमार सिंह ने विद्यार्थियों को न केवल अपने आस-पास के क्षेत्रों में स्वच्छता का संदेश फैलाने के लिए प्रेरित किया, बल्कि परिवार और समाज में भी प्लास्टिक मुक्त जीवनशैली अपनाने का आग्रह किया। कार्यशाला के दौरान महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण किया गया, जिसमें छात्रों और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। साथ ही, विद्यार्थियों ने प्लास्टिक मुक्त जीवन और जल स्रोतों को स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प लिया।

कार्यशाला के समापन पर प्रो. निरंजना शर्मा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया। प्राचार्य प्रो. अरुण कुमार सिंह ने नोडल अधिकारी डॉ. मीनाक्षी और उनकी टीम को सफल आयोजन के लिए बधाई दी और ‘नमामि गंगे’ अभियान के अगले चरण की घोषणा की। इस कार्यक्रम में राजकीय महाविद्यालय खाड़ी और राजकीय इंटर कॉलेज जाजल के छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों, कर्मचारियों और स्थानीय ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी रही।

यह कार्यशाला न केवल स्वच्छता और जल संरक्षण का संदेश लेकर आई, बल्कि युवाओं को पर्यावरण संरक्षण का प्रहरी बनने की प्रेरणा भी दे गई।


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Govind Pundir

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