साइबर सुरक्षा पर जागरूकता बेहद जरूरी: डीआईओ हेमन्त काला

फिशिंग, विशिंग और पहचान की चोरी जैसे साइबर अपराधों से सतर्क रहने की अपील
पौड़ी, 20 अप्रैल 2025। डिजिटल युग में बढ़ते साइबर खतरों को देखते हुए जिला सूचना विज्ञान अधिकारी (डीआईओ) हेमन्त काला ने आम नागरिकों से सतर्कता और जागरूकता बनाए रखने का आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि फिशिंग, विशिंग और पहचान की चोरी जैसे अपराध आजकल आम होते जा रहे हैं, जिनसे बचाव के लिए साइबर हाइजीन को अपनाना अनिवार्य है।
डीआईओ काला ने बताया कि फिशिंग के माध्यम से ठग ईमेल या मैसेज के जरिए खुद को किसी विश्वसनीय संस्था का प्रतिनिधि बताकर निजी जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं। वहीं विशिंग में फोन कॉल्स के जरिए खुद को बैंक अधिकारी बताकर लोगों को भ्रमित किया जाता है। पहचान की चोरी में अपराधी किसी व्यक्ति की पहचान का दुरुपयोग कर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
उन्होंने नागरिकों को सलाह दी कि क्रेडिट/डेबिट कार्ड के सुरक्षित उपयोग के लिए मजबूत पासवर्ड रखें, नियमित खाते की जांच करें, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू करें और सिर्फ प्रमाणिक वेबसाइट्स से ही ऑनलाइन लेन-देन करें। किसी धोखाधड़ी या कार्ड गुम होने की स्थिति में तुरंत संबंधित बैंक को सूचित करें।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम जैसे नए तरीकों पर भी डीआईओ ने आगाह किया, जिसमें ठग खुद को पुलिस या जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर झूठे आरोप लगाते हैं और पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। ऐसी स्थिति में डरें नहीं, आरोपों की सत्यता जांचें और कोई भी गोपनीय जानकारी साझा न करें।
सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के फायदे हैं, लेकिन इसके साथ गोपनीयता हनन, साइबर बुलीइंग और गलत सूचनाएं फैलने जैसे खतरे भी जुड़े हैं। इसलिए अनजान लिंक पर क्लिक न करें, अज्ञात लोगों से जानकारी साझा न करें और सोशल मीडिया खातों में 2FA जरूर चालू रखें।
डीआईओ काला ने सभी नागरिकों से अपील की कि किसी भी साइबर अपराध की स्थिति में राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तत्काल संपर्क करें या cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।