सिलक्यारा–बडकोट सुरंग परियोजना में ऐतिहासिक सफलता: भारत की अवसंरचना यात्रा में एक नया अध्याय

सिलक्यारा–बडकोट सुरंग परियोजना में ऐतिहासिक सफलता: भारत की अवसंरचना यात्रा में एक नया अध्याय
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उत्तरकाशी। चारधाम महामार्ग परियोजना के अंतर्गत सिलक्यारा–बरकोट सुरंग (4.531 किमी) ने 16 अप्रैल 2025 को ऐतिहासिक ब्रेकथ्रू प्राप्त किया, जो भारत की सड़क अवसंरचना के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह परियोजना सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा एनएचआईडीसीएल (NHIDCL) के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है। यह सुरंग गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच हर मौसम में निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करेगी, जिससे यात्रा समय में एक घंटे से अधिक की बचत होगी। परियोजना की लागत ₹1384 करोड़ है।

यह परियोजना नवंबर 2023 में एक अप्रत्याशित दुर्घटना के चलते चर्चा में आई थी, जब सुरंग के भीतर धंसाव हो गया और 41 श्रमिक फँस गए। 16 दिनों तक चली एक अभूतपूर्व बचाव अभियान के तहत क्षैतिज व ऊर्ध्वाधर ड्रिलिंग, माइक्रो-टनलिंग और मैनुअल खुदाई जैसी तकनीकों का उपयोग कर सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाला गया।

बचाव के बाद, NHIDCL ने सुरंग के पुनर्निर्माण में आधुनिक इंजीनियरिंग विधियों जैसे ड्रिफ्ट एक्सकवेशन, ग्राउंड स्टेबलाइजेशन और सटीक मशीनरी का प्रयोग किया। कार्य दोबारा शुरू करने से पहले 110 मिलियन लीटर से अधिक पानी को बाहर निकाला गया।

यह सफलता देश की तकनीकी उत्कृष्टता, टीमवर्क और अदम्य संकल्प का प्रतीक है। इससे परियोजना के शीघ्र पूर्ण होने और क्षेत्रीय संपर्क में उल्लेखनीय सुधार का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

इस अवसर पर NHIDCL के प्रबंध निदेशक एवं निदेशक, उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री एवं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने इस अभूतपूर्व इंजीनियरिंग उपलब्धि की सराहना की।


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Garhninad Desk

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