तहसील शिफ्टिंग का विरोध: ग्रामीणों का धरना चौथे दिन भी जारी

टिहरी गढ़वाल 08 अप्रैल 2025 । जाखणीधार तहसील को अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (APHC) पेटब के भवन में शिफ्ट करने के सरकारी आदेश के खिलाफ ग्रामीणों का आंदोलन चौथे दिन भी जारी रहा। मातृशक्ति और प्रबुद्ध नागरिकों ने इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि पिछले 21 वर्षों से तहसील सुचारू रूप से अपने मूल स्थान पर चल रही थी, फिर इसे अस्पताल के भवन में शिफ्ट करने की क्या जरूरत आन पड़ी?
धरना स्थल पर आज कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट और बालकृष्ण रतूड़ी ने ग्रामीणों का समर्थन किया। राकेश राणा और शांति प्रसाद भट्ट ने सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा, “जब तहसील दो दशकों से ठीक चल रही है, तो इसे अस्पताल में शिफ्ट करने की जरूरत क्यों पड़ी? क्या तहसील बीमार हो गई है जो इसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है? उन्होंने सरकार से “पेटब-कोशियार-अखोडीसैण मार्ग” के चौड़ीकरण, सुधारीकरण और डामरीकरण की मांग की, जिससे तहसील तक पहुंच सुगम हो सके। साथ ही, APHC पेटब को मानकों के अनुरूप अपग्रेड करने और पूरा स्टाफ नियुक्त करने की बात कही।
ग्रामीणों ने बताया कि जाखणीधार तहसील का भवन और स्टाफ क्वार्टर कोशियार में स्थित हैं, जिसके लिए ग्राम पेटब ने जनहित में निःशुल्क जमीन दान दी थी। इसी तरह, APHC पेटब के लिए भी गांव की जमीन दान में दी गई थी, लेकिन इसे PHC या CHC में अपग्रेड करने के बजाय, विधायक इसके अस्तित्व को खत्म कर तहसील शिफ्ट करने पर तुले हैं। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि इतनी बड़ी तहसील बिल्डिंग का क्या होगा? क्या यह भूतिया बन जाएगी? उनका कहना है कि यह उन लोगों का अपमान है, जिन्होंने दो प्रतिष्ठानों के लिए अपनी बहुमूल्य जमीन दान दी थी। एक जनप्रतिनिधि का कर्तव्य है कि वह क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं जैसे एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजी, टीकाकरण, हाईटेक एंबुलेंस, दवाइयां और काबिल डॉक्टरों की व्यवस्था करे, लेकिन इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया। “पेटब-कोशियार-अखोडीसैण मार्ग” की हालत जर्जर है। पिछले 10 सालों में इस डेढ़ किलोमीटर की सड़क का डामरीकरण तक नहीं हो पाया। यह सड़क तहसील मुख्यालय तक जाती है और इसकी खराब स्थिति के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
आज धरने में सावित्री देवी (प्रधान, पेटब), किशोर लाल (पूर्व प्रधान), मस्तराम पेटवाल, मंगलानंद पेटवाल, गुणानंद, महावीर प्रसाद, अजय पेटवाल, रमेश पेटवाल, संजय पेटवाल, सुषमा, अमृता देवी, बीना देवी, कस्तूरी लाल, शिवी देवी, दिनेश प्रसाद, रीना देवी, पारस, जयदेव, राजेंद्र प्रसाद, कृपाराम, बृजादेवी, सुशीला देवी सहित कई लोग शामिल रहे।