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पर्यटकों की पसंद सैंदुल का श्रीराम होमस्टे, जहां प्रकृति और संस्कृति का मिलन होता है

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जौनपुर विकास खंड में बसा सैंदुल का श्रीराम होमस्टे: देश-विदेश के पर्यटकों का दिल जीतता एक अनूठा अनुभव”
“गांव की सैर, ट्रैकिंग का रोमांच, और गढ़वाली मेहमान नवाजी का जादू – सब एक साथ!”
आइए, रूबरू होते हैं श्रीराम होम स्टे से।

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टिहरी गढ़वाल 16 अप्रैल 2025 । “टिहरी गढ़वाल के जौनपुर विकासखंड में बसा छोटा सा गांव सैंदुल आज पर्यटन के नक्शे पर एक चमकता सितारा बन चुका है, और इसका श्रेय जाता है राजेंद्र सिंह चौहान के श्रीराम होमस्टे को। राजेंद्र ने अपने पैतृक घर को न केवल एक होमस्टे में बदला, बल्कि इसे एक ऐसे अनुभव का केंद्र बना दिया, जहां पर्यटक प्रकृति, संस्कृति, और रोमांच का त्रिवेणी संगम अनुभव करते हैं।

एक सपने की शुरुआत: कोविड-19 के लॉकडाउन ने जहां दुनिया को ठहरा दिया, वहीं राजेंद्र सिंह चौहान के मन में एक नया विचार जन्म ले रहा था। अपने गांव सैंदुल की शांत वादियों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को देखकर उन्होंने ठान लिया कि वे इसे दुनिया के सामने लाएंगे। 2023 में श्रीराम होमस्टे को पर्यटन विभाग में पंजीकृत करवाकर उन्होंने अपने सपने को हकीकत में बदला। आज यह होमस्टे ऑनलाइन बुकिंग के जरिए देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, और अब तक 500 से अधिक मेहमान यहां ठहर चुके हैं।

क्या है श्रीराम होमस्टे की खासियत? श्रीराम होमस्टे सिर्फ रुकने की जगह नहीं, बल्कि एक जीवंत अनुभव है। यहां आने वाले पर्यटक न केवल गढ़वाली आतिथ्य का आनंद लेते हैं, बल्कि गांव की सैर, ट्रैकिंग, और स्थानीय संस्कृति से रूबरू होने का मौका भी पाते हैं। राजेंद्र बताते हैं, “मैं चाहता था कि पर्यटक यहां की ग्रामीण जिंदगी को जिएं, हमारी संस्कृति को समझें, और प्रकृति के बीच सुकून पाएं।

”विलेज टूर: पर्यटक सैंदुल के खेत-खलिहानों, पारंपरिक घरों, और स्थानीय जीवनशैली को करीब से देख सकते हैं।

ट्रैकिंग का रोमांच: 2 किमी का नाकथात ट्रैक, 5 किमी का दणाच टॉप ट्रैक, और नाग देवता मंदिर की सैर के साथ हिमालय के मनोरम दर्शन। मसूरी और चकराता की झलक भी बोनस!

प्रकृति का खजाना: शिव मंदिर केव, वाटर केव, और टाइगर केव जैसे रहस्यमयी गंतव्य पर्यटकों को रोमांचित करते हैं। हरे-भरे बुग्यालों और बर्फीली चोटियों के बीच ट्रैकिंग का अनुभव अविस्मरणीय बना देता है।

गढ़वाली मेहमान नवाजी का जादू: श्रीराम होमस्टे में पर्यटकों को घर जैसा प्यार और स्थानीय व्यंजनों का स्वाद मिलता है। मंडवे की रोटी, झंगोरे की खीर, और गढ़वाली दाल-भात का जायका मेहमानों को बार-बार यहां खींच लाता है। राजेंद्र की मेहमाननवाजी और उनकी कहानियां पर्यटकों को सैंदुल से जोड़ देती हैं।

सोशल मीडिया पर सैंदुल की धूम: श्रीराम होमस्टे की खूबसूरती और अनुभव को आप सोशल मीडिया पर भी देख सकते हैं। इंस्टाग्राम पर ‘आर्ट विलेज सैंदुल’ और फेसबुक पर ‘सैंदुल हेरिटेज विलेज’ के पेज फॉलो करें, जहां सैंदुल की मनोरम तस्वीरें और पर्यटकों की कहानियां आपको मंत्रमुग्ध कर देंगी। खास तौर पर इंस्टाग्राम रील (https://www.instagram.com/reel/C_4XU5MywI5/?igsh=OWtlaXBwa2xrejEx) देखें, जिसमें सैंदुल की जादुई दुनिया जीवंत हो उठती है।

राजेंद्र सिंह चौहान की यह पहल न केवल पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए स्वरोजगार की प्रेरणा भी बन रही है। उनके होमस्टे ने सैंदुल को टिहरी के पर्यटक नक्शे पर एक नई पहचान दी है, जहां पहले पर्यटक स्थल सीमित थे। अगर आप शहर की भागदौड़ से दूर, प्रकृति की गोद में कुछ पल बिताना चाहते हैं, तो श्रीराम होमस्टे आपका इंतजार कर रहा है। यहां की शांत वादियां, गढ़वाली संस्कृति, और रोमांचक ट्रैकिंग आपको तरोताजा कर देंगे। तो इस बार बैग पैक करें, और जौनपुर की पारंपरिक जीवनशैली के साथ सैंदुल की मेहमाननवाजी का लुत्फ उठाएं।

संपर्क करें:इंस्टाग्राम: @artvillagesaindul फेसबुक: Saindul Heritage Village बुकिंग के लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट या सोशल मीडिया हैंडल पर संपर्क करें।सैंदुल बुला रहा है– आइए, इस अनूठे अनुभव का हिस्सा बनें!


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Govind Pundir

*** संक्षिप्त परिचय / बायोडाटा *** नाम: गोविन्द सिंह पुण्डीर संपादक: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल टिहरी। उत्तराखंड शासन से मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार। पत्रकारिता अनुभव: सन 1978 से सतत सक्रिय पत्रकारिता। विशेषता: जनसमस्याओं, सामाजिक सरोकारों, संस्कृति एवं विकास संबंधी मुद्दों पर गहन लेखन और रिपोर्टिंग। योगदान: चार दशकों से अधिक समय से प्रिंट व सोशल मीडिया में निरंतर लेखन एवं संपादन वर्तमान कार्य: गढ़ निनाद न्यूज़ पोर्टल के माध्यम से डिजिटल पत्रकारिता को नई दिशा प्रदान करना।

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