वेबिनार चर्चा: क्लासरूम शिक्षा पद्धति का कोई विकल्प नहीं- डॉ0 मधु थपलियाल
गढ़ निनाद न्यूज * 17 मई
देहरादून: स्नातकोत्तर राजकीय महाविद्यालय माल देवता रायपुर देहरादून के जंतु विज्ञान विभाग द्वारा “ऑनलाइन शिक्षा पद्धति – छात्र छात्राओं के अनुभव” विषय पर विभागाध्यक्ष डॉ० मधु थपलियाल द्वारा वेबिनार आयोजित किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा अत्यधिक उत्साह देखा गया। सभी छात्र-छात्राओं द्वारा सबसे ज्यादा ख़ुशी इस बात पर जाहिर की गयी कि वे अपने शिक्षक को लॉक-डाउन के चतुर्थ चरण में संचार क्रांति के कारण घर बैठे देख पा रहे हैं।
वेबिनार में छात्र-छात्राओं के द्वारा लाभ और हानि पर अलग-अलग विचार रखे गये।
ऑनलाइन के लाभ:
- इसमें दूरस्थ स्थानों या ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों का समय बच जाता है।
- घर में कहीं भी बैठ कर पढ़ाई की जा सकती है और पढ़ाई के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राएं खेती व अन्य का काम भी कर रहे हैं।
- छात्राएं घर में नये-नये व्यंजन भी बना रहे हैं।
- प्रारंभ में छात्र-छात्राएं ऑनलाइन सिस्टम समझ नहीं पा रहे थे, किन्तु लॉक-डाउन चार आते-आते वो भी इस तंत्र में सहज होने की कोशिश कर रहे हैं और उनका मानना है कि आज वो अपने आने वाले समय में मशीनी युग में प्रवेश की तैयारी में हैं।
ऑनलाइन माध्यम कि हानियां या परेशानियां:
- कुछ छात्रों ने बताया कि क्लास रूम का कोई विकल्प नहीं हो सकता।
- इस तरह मशीनी शिक्षा पद्धति में हम स्वयं तक सिमट कर रह जायेंगे।
- शिक्षक द्वारा कक्षा में प्रत्यक्ष अध्यापन समग्र विकास के लिये आवश्यक है। गुरुकुल शिक्षा पद्धति इसलिए प्रभावी थी।
- इसमें सारा दिन फ़ोन पर चिपके रहना पड़ता है, जिससे शारीरिक परेशानियां पैदा हो सकती हैं।
- शुरू में ये एक ग्लैमर है किन्तु ये हमारे ट्रैडीसनल शिक्षा को प्रभावित कर रहा है – पूरे विश्व में क्लास रूम टीचिंग को सर्वोपरी माना गया है।
- ये मानव संवेदनशीलता को ख़त्म कर रहा है।
- धीरे-धीरे इन्टरनेट पैकेज महंगे हो जायेंगे जो आम छात्र के पहुँच से बाहर होंगे।
- धीमी इन्टरनेट स्पीड इस पद्धति का सबसे बड़ी कमी है।
- विडियो वाइस-ओवर छोटे ही बन पाते हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों के लिए समस्या है।
- स्मार्ट फ़ोन सभी नहीं ले सकते।
- प्रत्यक्ष क्लासरूम पद्धति में छात्र जीवन को जीने की कला व व्यवहारिक ज्ञान भी सीखता है और सबल बनता है।
- क्लास रूम में दोस्तों का साथ एक विशेष अनुभव होता है।
डॉ० मधु थपलियाल द्वारा बताया गया कि इतिहास बताता है कि महामारियों ने सदैव से मानव जीवन को प्रभावित किया है, किन्तु इस बार कोविड-19 संक्रमण ने मनुष्य से मनुष्य को दूर कर दिया है। मनुष्य अपने लालच और हितों के लिए प्रकृति को निचोड़ रहा था। आज प्रकृति ने मनुष्य को कैद करके अपना संरक्षण स्वयं किया है, जो समस्त मानव जाति के लिए शिक्षा लेने वाला सन्देश है। छात्रों को उन्होंने वेबीनार के माध्यम से बताया कि लॉकडाउन प्रथम के दौर से ही उनके द्वारा क्विज आदि का आयोजन किया जाता रहा है, जिससे छात्र-छात्राओं का मनोबल ऊँचा बना रहे।
उन्होंने बताया कि शिक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं को हर संभव माध्यम से पढाया जा रहा है और सभी आधुनिक ई-लर्निंग के माध्यम बताये जा रहे हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं को इस दौर में भी उत्साहित रहने पर बधाई दी तथा सभी छात्र-छात्राओं को स्वस्थ्य रहने को कहा।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो० सतपाल सिंह साहनी ने जंतु विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन संवाद- वेबिनार की प्रशंसा करते हुए छात्र-छात्राओं को बधाई दी।
संवाद में पवित्रा, विशाखा, विवेक, रेखा, मनीषा, शिवानी, संदीप, मीनाक्षी, शुभम, आँचल समेत प्राची, अमीषा, आदि छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।