कोविड-19 से उत्पन्न समस्याओं का समाधान व सैंपलिंग बढाना प्राथमिकता-मंगेश
गढ़ निनाद न्यूज़ * 25 मई
नई टिहरी। वर्ष 2011 बैच के आईएएस अधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने गत दिवस (रविवार) को टिहरी के जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। इससे पूर्व वह रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी थे। कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कोरोना संक्रमण को लेकर जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों की बैठक ली। कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के कारण आई समस्याओं को दूर करना, प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाना और अधिक से अधिक लोगों की सैंपलिंग करना पहला लक्ष्य है।
उन्होंने अधिकारियों की बैठक लेते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं को प्राथमिकता से हल किया जाए। जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।
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उन्होंने सीएमओ डॉo मीनू रावत को कोरोना अपडेट, अब तक किए गए उपायों, सैंपलिंग की जानकारी, स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या, कोविड-19 के बचाव के उपकरण सहित कई अन्य जानकारी भी ली और कहा कि कोरोना के कारण पैदा हुई स्थिति से बाहर आने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएंगे। टीम भावना से जिले की समस्याओं को हल किया जाए।
बैठक में जिलाधिकारी ने जिला पर्यटन अधिकारी को जनपद के एक-एक होटल संचालको/ मालिको से बात कर करते हुए होटल में सुविधाओं व कक्षो की संख्या का व्योरा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। वही कॉरेन्टीन/आइसोलेशन पर रखे जाने वाले व्यक्तियों को साफ-सुथरा व गुणवत्तापरक भोजन मिल सके इस हेतु सम्पूर्ण दायित्व जिला पूर्ति अधिकारी को दे दिया गया है।
उन्होंने युवा कल्याण अधिकारी को प्रत्येक कॉरेन्टीन/आइसोलेशन केंद्र के लिए 2-2 पीआरडी जवान की तैनाती के निर्देश दिए है। इसके अलावा डीओ पीआरडी को कोरोना आपदा काल के दौरान काम से कम 800 स्वंय सेवको को प्रशिक्षण कर तैयार रखने को कहा गया है।
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जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनपद किसी भी फैसिलिटी कॉरेन्टीन सेंटर स्कूल/पंचायत भवन में कोविड पोसिटिव केस आता है तो उस केंद्र के सभी व्यक्तियों को तत्काल एम्बुलेंस द्वारा संस्थागत कॉरेन्टीन केंद्र लाया जाएगा। जहां उनकी देखभाल, सेम्पल लिए जाने जैसे कार्यो में आसानी होगी। पोसिटिस केस आने के बाद की जाने वाली कांटेक्ट ट्रेसिंग एक ही दिन में पूरी हो इस हेतु डीएफओ कोको रोसे को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया की यदि हम लोगो को संस्थागत कॉरेन्टीन कर रहे है तो कॉरेन्टीन सेंटर क्वालिटेटिव होना भी आवश्यक है। जिसके तहत कॉरेन्टीन केंद्र के प्रत्येक कक्ष में ब्रश, मग, बाल्टी, झाड़ू, हार्पिक, पानी पीने का ग्लास और बचे हुए भोजन को डिस्पोज़ करने के लिए ब्लैक पालीथिन शामिल है।
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